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Bengal Violence: गृहमंत्रालय ने लिया एक्शन, ममता दीदी की बढ़ गई टेंशन, देखें अमित शाह ने किसको और क्यों भेजा बंगाल!

बंगाल हिंसा का एक-एक सच आएगा सामने

बंगाल हिंसा पर केंद्र सरकार शख्त रुख अपनाए हुए है।  विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद बंगाल के विभिन्न इलाकों में हिंसा  को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद चार सदस्यीय  टीम बंगाल भेजी है। यह टीम हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेगी। गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में यह टीम अपनी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपेगी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई कथित हिंसा के कारणों की पड़ताल करने और राज्य में जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में दल पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हो गया है।

बता दें कि चुनाव परिणाम सामने आने के बाद बंगाल के विभिन्न इलाकों में बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट, आगजनी, हत्या और दुष्कर्म की वारदातें हो रही है। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने हिंसा को लेक राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बातचीत कर स्थिति की जानकारी ली थी। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने खुद हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी और ममता बनर्जी पर हिंसा को उकसाने और हिंसा की वारदात के समय चुप्पी साधने का आरोप लगाया था।

गृह मंत्रालय द्वारा ये पत्र राज्य सरकार को 05 मई को भेजा गया है, जिस दिन तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब राज्य सरकार की ओर से जवाब नहीं दिये जाने के बाद गृह मंत्रालय ने टीम भेजने का निर्णय किया है। का आरोप है कि पश्चिम बंगाल में 02 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद से उनके 20 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई है। बीजेपी ने इन मौत का आरोप टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगाया है।

बुधवार को भेजे गए स्मरण पत्र में गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से कहा कि तीन मई को राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट तलब की गई थी। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी है। पत्र में कहा गया कि नवीनतम सूचना के मुताबिक पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं नहीं रुकी हैं और इसका अभिप्राय है कि राज्य सरकार ने इन्हें नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए हैं।