म्यांमार में सैन्य तख्ता पलट के बाद से चल रहे बवाल के बीच अब भारत में शरणार्थियों का आना शुरू हो चुका है। पहले दिन सैंकड़ों म्यांमारी लोगों नेसीमा पार की भारत में आए शरण मांगी। इन शरणार्थियों में लगभग दो दर्जन पुलिसकर्मी हैं। इसके अलावा आम म्यांमारी नागरिक शरणार्थियों की भी बड़ी संख्या है। मिजोरम से लोकसभा सांसद सी. लालरोसांगा ने कहा कि म्यांमार के 15 पुलिसकर्मी चम्पई जिले में आए, जबकि आठ पुलिसकर्मियों ने सेरछिप जिले में शरण ली है।
दरअसल म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद से अंतर्राष्ट्रीय माहौल गरमा गया है। म्यांमार में जारी उथल-पुथल के बीच लोगों के साथ ही पुलिसकर्मियों ने भी अब सीमा पार करके भारत की सीमाओं में प्रवेश करना शुरू कर दिया है।
लालरोसांगा ने बताया, मिजोरम सरकार ने सैन्य तख्तापलट के मद्देनजर, म्यांमार से मिजोरम में प्रवेश करने वाले लोगों के संबंध में एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने पहले ही सीमाओं पर रहने वाले लोगों से राज्य द्वारा जारी एसओपी का पालन करने के लिए कह दिया है।
सेरछिप जिला उपायुक्त कुमार अभिषेक और उनके चम्पई जिले के समकक्ष मारिया सीटी जुली ने अपने अलग-अलग बयानों में मीडिया को बताया कि जिला अधिकारी सीमा पार से आए लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान कर रहे हैं।
दोनों उपायुक्त (डीसी) ने कहा कि पूरे मामले की जांच चल रही है और उच्चाधिकारी को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि वे अब आगे के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।
दोनों सीमावर्ती जिलों के ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि म्यांमार के निहत्थे पुलिस कर्मियों और नागरिकों सहित कम से कम सैकड़ोंलोग तीन मार्च से सीमा पार करके पर्वतीय राज्य में घुस चुके हैं।ग्रामीणों के अनुसार यह सभी लोग चिन जातीय समूह से हैं, जो मिजोरम के मिजो समुदाय से जुड़ा है।