श में इस वक्त कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही है। लगातारा मामलों में तेजी आने के बाद अब धीरे-धीरे इसमें सुधार देखने को मिल रहा है। देश के कुछ राज्यों में मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। लेकिन इस बीच यह भी दावा किया जा रहा है कि हमें अब भी कड़ाई से कोरोना के नियमों को पालन करने की जरूरत है क्योंकि यह जुलाई से पहले खत्म होने वाला नहीं।
जुलाई तक चलेगी कोरोना संग लड़ाई
दरअसल, वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर शाहिद जमील ने दावा किया है कि दूसरी लहर की गिरावट की स्पीड पहली के मुकाबले बहुत धीमी है। अभी ये नहीं कहा जा सकता कि हम दूसरी लहर के पीक पर पहुंच गए हैं, हालांकि उन्होंने दावा किया कि दूसरी लहर को खत्म होने में जुलाई तक का वक्त लग सकता है। डॉक्टर ने दावा किया कि गिरावट की स्पीड दूसरी लहर में बहुत धीमी रहने वाली है।
अपने एक कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर जमील ने कहा कि कोविड की लहर चरम पर है, ये कहना जल्दबाजी होगी। कर्व भले ही चपटा हो, लेकिन नीचे की तरफ ये आसान नहीं होने वाला। संभव है कि ये लंबी लड़ाई जुलाई तक चले। हम हर दिन बड़ी संख्या में संक्रमण से मुकाबला करते रहेंगे। इसके आगे उन्होंने यह भी कहा कि, पहली लहर में गिरावट लगातार दिखाई दी थी, लेकिन इस बार हम बड़ी संख्या से गिरावट की शुरुआत देख रहे हैं। आज मामले 96या 97हजार नहीं बल्कि 4लाख से ज्यादा है, इसलिए वक्त भी ज्यादा ही लगेगा। मेरे विचार से भारत का वास्तविक डेथ रेट का डाटा पूरी तरह से गलत है।
पहली लहर के बाद कोरोना प्रोटोकॉल न फॉलो करने से बढ़ा संक्रमण
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों ने वायरस को न केवल फैलने का मौका दिया, बल्कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन न करके संक्रमण को फैलने में मदद किया। दिसंबर तक हम ये विश्वास करने लगे थे कि भारत ने प्रतिरक्षा विकसित कर ली है। इसलिए शादियां हुईं, सुपर स्प्रेडिंग की घटनाएं हुईं। इसके साथ ही चुनावी रैलियों और धार्मिक आयोजनों को लेकर भी उन्होंने कहा कि इसकी वजह से भी कोरोना संक्रमण दोबारा तेजी से फैला। उन्होंने कहा कि फरवरी तक हमारे पास सिर्फ 2 फीसदी वैक्सीन कवरेज था. वैक्सीन सुरक्षित हैं और इसके दुष्प्रभाव बेहद कम हैं, इसलिए वैक्सीन लगवानी चाहिए।