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West Bengal Assembly Election 2021: चुनाव से पहले कांग्रेस में कलह, आनंद शर्मा ने ISF से गठबंधन पर खड़े किए सवाल

west Bengal Assembly Election difference widen with in congress over alliance with ISF

धुर कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी आईएसएफ से गठबंधन को लेकर कांग्रेस में सिर फुटव्वल शुरू हो गई है। इस गठबंधन से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ है। कांग्रेस किसी भी कट्टरपंथी पार्टी से महज चुनाव के लिए गठबंधन करके अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रही है।

पार्टी के भीतर बने विद्रोही गुट जी-23में शामिल नेता आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल चुनावोंके लिए इंडियन सेक्‍युलर फ्रंट (ISF) से गठबंधन पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि आईएसएफ और ऐसे अन्‍य दलों के साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, जो कांग्रेस पार्टी की आत्‍मा है। इन मुद्दों पर कांग्रेस कार्यसमिति में चर्चा होनी चाहिए थी।

शर्मा ने यह भी कहा कि इसको लेकर पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष अधीर रंजन चौधरी का समर्थन शर्मनाक है। वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने इस पर जवाब देते हुए कहा है कि यह गठबंधन पार्टी नेतृत्‍व की मंजूरी से हुआ है।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा-'हम एक राज्‍य के प्रभारी हैं और कोई भी फैसला बिना अनुमति के नहीं करते हैं। वाम मोर्चा- गठबंधन में आईएसएफ को भी शामिल किया गया है। कभी मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी रहे फुरफुरा शरीफ दरगाह के मौलाना पीरजादा अब्‍बास सिद्दीकी ने हाल ही में यह पार्टी बनाई है।

पश्चिम बंगाल की 31फीसदी मुस्लिम आबादी पर फुरफुरा शरीफ दरगाह का विशेष प्रभाव है। कांग्रेस की रणनीति है कि आईएसएफ का साथ लेकर मुस्लिम वोटों को अपने पाले में किया जाए ताकि राज्‍य में उसकी सीटें बढ़ सकें। कांग्रेस वाम मोर्चा गठबंधन में आईएसएफ के अलावा एनसीपी और आरएलडी भी शामिल है। गठबंधन में शामिल सभी दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत चल रही है।