पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ऐक्शन मोड में आ गया है। मंगलवार को आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी वीरेंद्र का तबादला कर दिया। वीरेंद्र की जगह पर पी नीरजनयन को तैनाती दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयोग की तरफ से सख्त निर्देश है कि वीरेंद्र को चुनावों से जुड़े किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष काम की जिम्मेदारी नहीं दी जाए। चुनाव आयोग के खास पर्यवेक्षक के चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंचने के बाद यह फैसला आया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदू वोटरों को रिझाने लिए चुनावी मंच से चंडीपाठ किया तो शाम को दरगाह जाकर चादर चढ़ाई और मन्नत मांगी। ममता बनर्जी को लगने लगा है कि हिंदू वोटर उनसे छिटक रहा है। इसलिए अब वो मंदिर भी जाने लगीं है। ममता बनर्जी के इस नए अवतार पर बीजेपी के महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि बंगाल के विकास की बातें करने के बजाए ममता बनर्जी चण्डी पाठ करने लगें तो इसका मतलब है कि उनकी कुर्सी जा रही है।
हालांकि पश्चिम बंगाल के चुनावों पर नजदीकी निगाह रखने वालों का कहना है कि नंदीग्राम में ममता की पोजिशन स्ट्रांग दिखाई दे रही है। तृणमूल छोड़कर बीजेपी में आए शुभेंदु को लड़ाई बहुत मुश्किल होने वाली है। शुभेंदु अब नंदीग्राम तक ही सीमित रह जाएंगे। उनका पश्चिम बंगाल का नेता बनने का सपना अधूरा रह सकता है।