इस वक्त पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं जिसमें से की तीन राज्यों में चुनाव हो चुका है अब आसाम और पश्चिम बंगाल में चुनाव बाकी है लेकिन सबसे ज्यादा दिलचस्प इलेक्शन पश्चिम बंगाल का है क्योंकि यहां पर ममता बनर्जी को सीधे केंद्र की भाजपा सरकार टक्कर दे रही है। भाजपा अपनी पूरी ताकत बंगाल चुनाव के लिए झोंक दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा सहित भाजपा के बड़े चेहरे बंगाल की जनता का वोट बीजेपी की झोली में डालने की पूरजोर कोशिश कर रहे हैं। वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही और आए दिन अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में हैं, उनके इन्हीं बयानों के कारण उनकी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
दरअसल, केंद्रीय चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी को अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे ना होने वाले बयान को लेकर नोटिस भेजा है। इस नोटिस में ममता बनर्जी को 48 घंटे में जवाब देने के लिए कहा गया है। ममता बनर्जी ने तीन अप्रैल को एक जनसभा को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे ना होने देने की अपील की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी जनसभाओं में ममता बनर्जी के बयान का जिक्र करते हुए धर्म के आधार पर वोट मांगने और बंटवारे की राजनीति करने का आरोप लगाया था। प्रधानमंत्री ने अपनी एक रैली के दौरान कहा कि, आदरणीय दीदी, अभी हाल में आपने कहा कि सभी मुसलमान एक हो जाओ, वोट बंटने मत दो….'' लेकिन अगर हमने ये कहा होता कि सारे हिंदू एकजुट हो जाओ, बीजेपी को वोट दो तो हमें चुनाव आयोग के 8-10 नोटिस मिल गए होते। सारे देश के संपादकीय हमारे खिलाफ होते.’’ वहीं, इसके बाद बीजेपी की ओर से पांच अप्रैल को चुनाव आयोग में ममता बनर्जी के खिलाफ शिकायत दी गई। जिसके बाद केंद्रीय चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी के बयान को आपत्तिजनक बताया है।