यूं तो पीएम मोदी जहां भी जाते हैं वहां अपनी अनोखी अदा से लोगों की दिल जीत लेते हैं, लेकिन शनिवार को जलपाईगुड़ी पहुंचने पर उन्होंने बागडोगरा एयरपोर्ट पर समाजसेवी करीमउल हक को गले लगाकर एकबार फिर अल्पसंख्यकों का दिल जीत लिया। बागडोगरा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी से मिलने पहुंचे करीमउल हक ने दो गज की दूरी से अभिवादन किया लेकिन पीएम मोदी ने आगे बढ़ कर उन्हें अपने गले लगा लिया।
करीमउल हक इस इलाके में एम्बुलेंस दादा के नाम से पहचाने जाते हैं। वो अपनी बाइक एम्बुलेंस से जरूरतमंद लोगों को दवा पहुंचाते हैं उनकी मरहम पट्टी करते हैं। उनकी समाजसेवा की इसी भावना को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान भी दिया है।करीमउल हक अपनी बाइक एंबुलेंस से अब तक करीब 4000लोगों को बचा चुके हैं। हक बीमार गरीब और वंचित लोगों को अपनी बाइक एंबुलेंस से लेकर मुफ्त में अस्पताल पहुंचाते हैं। चाय बागान में काम करने वाले हक ने अपर्याप्त ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के कारण लोगों को होने वाली परेशानियां दूर करने की ठानी और मुफ्त बाइक एम्बुलेंस सेवा शुरू की।
पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करीमुल हक की सैकड़ों लोगों को प्रेरित करने वाली कहानी पर किताब लिखी जा चुकी है। ‘बाइक एम्बुलेंस दादा, द इंस्पायरिंग स्टोरी ऑफ करीमुल हक: द मैन हू सेव्ड 4000लाइव्स’ हक की आधिकारिक बायोग्राफी है। इसे पत्रकार एवं सामाजिक उद्यमी बिस्वजीत झा ने लिखा है।
हक ने करीब 26साल पहले अपनी मां को खो दिया था क्योंकि वह एम्बुलेंस का खर्चा नहीं उठा सकते थे और उस समय उनकी मां को अस्पताल ले जाने का कोई और साधन नहीं था। लेकिन जब हक के एक सहकर्मी की तबीयत खराब हुई तो उन्होंने इतिहास को खुद को दोहराने नहीं दिया।