पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उस पर निशाना साधा। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राज्य में इस वक्त लोग थाने जाने से डरे हुए हैं। पुलिस सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं से डरी हुई है। मैं उन लोगों को वापस आने के लिए कहा जो डर के मारे अपने घर छोड़कर भागे हुए हैं, मैं अपने सीने पर गोली खाऊंगा। इसके साथ ही उन्होंने रणपगली में कैंप का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की। चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के बाद कुछ लोगों ने यहां पर शरण ली है। उन लोगों से मुलाकात कर उनके दुख-दर्द को सुना। लोग अपना दर्द बयां करते-करते इतने भावुक हो गए कि उन्होंने धनखड़ के पैर पकड़ लिए। एक बुजुर्ग महिला तो धनखड़ से लिपट कर रोने लगीं।
यह तस्वीर दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल में क्या स्थिति है, जहां एक तरफ ममता बनर्जी हिंसा न करने के लिए कह रही हैं तो वहीं, दूसरी तरफ टीएमसी के कार्यकर्ता जमकर अपनी मनमानी कर रहे हैं। इस हिंसा में कई लोग बेघर हो गए हैं। कई लोगों को जान से मार दिया गया है। कई लोगों ने खौफ से अपना घर छोड़ दिया है। जैसे ही धनखड़ वहां पर लोगों की दुख दर्द सुनन के लिए पहुंचे। एक बुजुर्ग महिला उनके पैर पकड़ कर रोने लगी।
गवर्नर धनखड़ कर रहे हैं हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा
गुरुवार को धनखड़ ने चुनाव के नतीजों के बाद हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरान किया था। इस दौरान हिंसा से प्रभावित लोगों से उन्होंने मुलाकात की। उन्होंने कहा था कि "मैं किसी भी हालत में बिना किसी रुकावट के अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाऊंगा। देश कोविड की चुनौती से जूझ रहा है। पश्चिम बंगाल को महामारी और चुनाव बाद हुई हिंसा की दोहरी चुनौती का समाना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह हिंसा केवल इस आधार पर हो रही है कि कुछ लोगों को अपनी मर्जी से वोट डालने का फैसला लिया।
सीतलकूची में दिखाए गए धनखड़ को काले झंडे
वहीं, बृहस्पतिवार को जब जगदीप धनखड़ा सीतलकूची चुनाव के बाद हुई हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलने पहुंचे तो उन दौरान उन्हें काले झंडे दिखाए गए। इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी। धनखड़ रे कूचबिहार दौरे की सीएम ममता बनर्जी ने निंदा की थी। राज्यपाल को कुछ लोगों ने गोलोकगंज में उस समय काले झंडे दिखाए जब उनका काफिला मथभंगा से सीतलकूची जा रहा था। हालांकि, पुलिस वहां तैनात थी।