पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने तीसरी बार मुख्यमंत्री का शपथ ली। चुनाव खत्म होते ही जहां एक ओर बंगाल में हिंसा का दौर जारी है, वहीं कोरोना ने भी प्रदेश में अपने चपेटे में ले लिया है। कोरोना के बढ़ते मामले के देखते हुए ममता बनर्जी ऐक्शन में आ गईं हैं। हालांकि उनके बयान और फैसले बीजेपी को टारगेट कर दिए और लिए गए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके लिए इशारों-इशारों में बीजेपी नेताओं को भी जिम्मेदार ठहराया है। ममता ने कहा कि एक टीम (BJP) आई थी और वापस गई। कोरोना के बढ़ते संक्रमण में अब अगर मंत्री आते हैं, तो उन्हें विशेष उड़ानों के लिए भी आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लानी पड़ेगी। क्योंकि कोरोना संबंधी नियम सभी के लिए एक समान होना चाहिए।
सीएम ममता ने हिंसा के बाद की स्थिति देखने पहुंची केंद्रीय टीम को लेकर कहा, ''कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच टीम यहां आई, चाय पीकर गई। अब अगर मंत्री यहां स्पेशल फ्लाइट से भी आते हैं तो उन्हें आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाना होगा। नियम सभी के लिए एक जैसा है। कोरोना यहां इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि बीजेपी के नेता यहां लगातार आ रहे हैं।''
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की कोविड नीति को लेकर भी सवाल उठाए। ममता ने कहा कि कोरोना पर केंद्र सरकार की ओर से कोई पारदर्शी नीति नहीं है। मैंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसे और सरल बनाने की अपील की है। इसके अलावा उन्होंने बंगाल में कम वैक्सीन मिलने को लेकर भी हमला बोला।
ममता बनर्जी पीएम मोदी पर भी हमला बोला, ममता बनर्जी ने कहा, ''पीएम केयर्स फंड कहां है? वे (पीएम मोदी) युवाओं की जिंदगी को खतरे में क्यों डाल रहे हैं? उनके नेताओं को इधर उधर जाने की बजाए कोरोना अस्पतालों का दौरा करना चाहिए। उनके नेता यहां आ रहे हैं और कोविड फैला रहे हैं।''
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा में 16 लोगों की मौत हुई। इसमें आधे टीएमसी के हैं। चुनाव के बाद हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को दो लाख रुपये का मुआवजा देंगे। पश्चिम बंगाल सरकार कूच बिहार अग्निकांड में मारे गए पांच लोगों के परिजनों को होम गार्ड की नौकरी देगी। बता दें कि पश्चिम बंगाल में बुधवार को एक दिन में कोविड-19 के सबसे अधिक 18,102 नये मामले सामने आए थे और 103 मरीजों की मौत हो गई थी। राज्य में अब तक 9,16,635 लोग संक्रमित हुए हैं और 11,847 लोगों की मौत हुई है।