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Kolkata एयरपोर्ट पर पकड़ा गया 4 हजार 250 करोड़ रुपये कीमत का कैलिफोर्नियम, सुरक्षा एजेंसियों के उड़े होश

कैलिफोर्नियम

कोलकाता एयरपोर्ट पर सीआईडी ने 4250 करोड़ रुपए मूल्य रेडियोएक्टिव मेटल कैलिफोर्नियम जब्त किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सीआईडी ने दो लोगों के पास से 250 ग्राम कैलिफोर्नियम जब्‍त किया है। इसकी अनुमानित कीमत 4,250 करोड़ रुपये बताई जा रही है। कोलकाता एयरपोर्ट क्षेत्र से महंगी रेडियोधर्मी धातु कैलिफोर्नियम के साथ सीआईडी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में शैलेन कर्मकार ( 41 वर्ष), आनंदनगर के लेफ्टिनेंट बिस्वनाथ कर्माकर के पुत्र और सिंगूर, हुगली के निवासी हैं, जबकि दूसरा आरोपी असित घोष (49 वर्ष) भी हुगली के ही निवासी है।

क्या होता है  कैलिफोर्नियम?

आपको बता दें कि कैलिफोर्नियम का इस्‍तेमाल पोर्टेबल मेटल डिटेक्‍टर्स में किया जाता है। इसके अलावा सोने और चांदी की खदानों की पहचान में भी कैलिफोर्नियम इस्‍तेमाल होता है। न्‍यूक्लियर रिएक्‍टर को स्‍टार्ट करने में भी कैलिफोर्नियम मदद करता है। देश में आम आदमी रेडियोएक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है। अत्यंत महंगा ये रेडियोएक्टिव पदार्थ सिर्फ लाइसेंसधारी ही बेच सकते हैं। देश में मुंबई स्थित भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से ही कैलिफोर्नियम मिलता है। रेडियो एक्टिव पदार्थ कैलिफोर्नियम सिंथेटिक होता है। इसका रंग चांदी जैसा होता है।

कैलिफोर्नियम इंसानी शरीर में जहरीले भोजन या ड्रिंक के जरिए प्रवेश कर सकता है। इसके अलावा रेडियोऐक्टिव हवा में सांस लेने पर इसके कुछ कण भीतर जा सकते हैं। एक बार शरीर में इसके पहुंचने के बाद खून में यह केवल 0।05% ही मिलता है। करीब 65% कैलिफोर्नियम कंकाल में जमा हो जाता है, 25% लिवर में और बाकी अन्‍य अंगों में या फिर बाहर भी निकल सकता है।

कैलिफोर्नियम कैंसर के उपचार और इंडस्ट्रियल फील्ड में काम आता है। मेडिकल फील्ड में इसका इस्तेमाल कैंसर मरीजों और एक्स-रे मशीनों में होता है। इंडस्ट्रियल फील्ड में तेल के कुओं में पानी और तेल की लेयर का पता लगाने, गोल्ड और सिल्वर के डिटेक्शन के अलावा पोर्टेबल मेटल डिटेक्टर में इसका इस्तेमाल किया जाता है।