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क्या है e-RUPI, जिसे PM Modi ने किया लॉन्च, जानिए डिजिटल करेंसी से कैसे है ये अलग?

photo courtesy google

पीएम मोदी ने आज (2अगस्त) इलेक्ट्रॉनिक वाउचर बेस्ड डिजिटल पेमेंट सिस्टम 'ई-रुपी' को लॉन्च किया। ई-रूपी एक कैशलेस और डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम है, जो एसएमएस स्ट्रिंग या एक क्यूआर कोड के रूप में बेनेफिशयरीज को मिलेगा। इसे आप एक तरह से गिफ्ट वाउचर भी मान सकते है। जिसे आप बिना किसी क्रेडिट, डेबिट कार्ड, मोबाइल ऐप और इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल किया जा सकता है। इसको नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने मिलकर यूपीआई प्लेटफॉर्म पर बनाया है।

पीएम मोदी ने 'ई-रुपी' को लॉन्च करते हुए कहा कि आज देश, डिजिटल गवर्नेंस को एक नया आयाम दे रहा है। ई-रुपी वाउचर, देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को, डीबीटी को और प्रभावी बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। सरकार ही नहीं, अगर कोई सामान्य संस्था या संगठन किसी के इलाज में, किसी की पढ़ाई में या दूसरे काम के लिए कोई मदद करना चाहता है तो, वो कैश के बजाय ई-रुपी दे पाएगा। इससे सुनिश्चित होगा कि उसके द्वारा दिया गया धन, उसी काम में लगा है, जिसके लिए वो राशि दी गई है।

पीएम मोदी निशाना साधते हुए कहा कि पहले हमारे देश में कुछ लोग कहते थे कि तकनीक तो केवल अमीरों की चीज है, भारत तो गरीब देश है, इसलिए भारत के लिए टेक्नोलॉजी का क्या काम है, जब हमारी सरकार टेक्नोलॉजी को मिशन बनाने की बात करती थी तो बहुत से राजनेता, कुछ खास किस्म के एक्सपर्ट्स उस पर सवाल खड़ा करते थे, लेकिन आज देश ने उन लोगों की सोच को नकारा भी है, और गलत भी साबित किया है। आज देश की सोच अलग और नई है। आज हम टेक्नोलॉजी को गरीबों की मदद के, उनकी प्रगति के एक टूल के रूप में देख रहे हैं। 

इस तरह जारी होंगे 'ई-रूपी' वाउचर्स

सभी बैंक ई-रूपी के लिए वाउचर जारी करेंगे। किसी भी कॉरपोरेट या सरकारी एजेंसी को सहयोगी सरकारी या निजी बैंक से संपर्क करना होगा। बेनेफिशयरीज की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होगी और सर्विस प्रोवाइडर को बैंक एक वाउचर आवंटित करेगा जो किसी खास शख्स के नाम पर होगा जो सिर्फ उसी शख्स को डिलीवर होगा।

 

ई-रुपी के फायदे

ई-रूपी के जरिए कल्याणकारी योजनाओं को बिना किसी लीकेज के डिलीवर किया जा सकेगा।

मदर एंड चाइल्ड वेलफेयर स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दवाइयां और खाद सब्सिडी इत्यादि योजनाओं के तहत सर्विस उपलब्ध कराने के लिए भी ई-रुपी काम आएगा।

सरकार के मुताबिक निजी सेक्टर भी अपने एंप्लाई वेलफेयर व कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी प्रोग्राम्स के तहत इन डिजिटल वाउचर्स का उपयोग कर सकती है।

 

डिजिटल करेंसी से अलग है ई-रूपी

केंद्र सरकार और आरबीआई की डिजिटल करेंसी लाने की योजना पर काम कर रही है। ई-रुपी की लांचिंग से देश में डिजिटल पेमेंट्स करना अब काफी आसान हो जाएगा। इस समय जिस रुपये को हम सभी लेन-देन के लिए इस्तेमाल करते हैं, वो ई-रूपी के लिए अंडरलाइंग एसेट का काम करेगा। ई-रूपी की जो खासियत हैं, वो इसे वर्चुअल करेंसी से अलग बनाती है।