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WhatsApp पर हाईकोर्ट का हण्टर, सरकार की पॉलिसी मानो या कार्रवाई झेलने को रहो तैयार

photo courtesy Google

 दिल्ली  हाईकोर्ट ने  व्हाट्सएप  से कहा है कि उसे  सरकार की पॉलिसी  माननी ही पड़ेगी। नई प्राइवेसी पॉलिसी को खिलाफ भारत सरकार कोर्ट में केस लड़ रही है। सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि व्हाट्सएप अपनी नई पॉलिसी को यूजर्स पर थोप रहा है और स्वीकार करवाने के लिए अलग-अलग ट्रिक अपना रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से वकील ने कहा कि व्हाट्सएप अपनी डिजिटल क्षमता का गलत इस्तेमाल कर रहा है और यूजर्स को नई पॉलिसी स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रहा है। वो बड़ी होशियारी से डाटा प्रोटेक्शन बिल के कानून बनने से पहले ही पॉलिसी को यूजर्स से स्वीकार करवा रहा है।

केंद्र का कहना है कि व्हाट्सएप अपने यूजर्स को बार-बार नोटिफिकेशन भेज रहा है जो कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के 24 मार्च, 2021 के आदेश के खिलाफ है। केंद्र ने दिल्ली हाईकोर्ट से मांग की है कि कोर्ट नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर जाने वाले नोटिफिकेशन को लेकर अंतरिम निर्देश दे। नई पॉलिसी को लेकर व्हाट्सएप अपने यूजर्स को दिन में कई बार नोटिफिकेशन भेज रहा है। हर दिन नोटिफिकेशन भेजने की कोई संख्या भी तय नहीं है। वहीं कोर्ट में व्हाट्सएप कंपनी के वकील ने भी अपनी बातें रखी।

इस मामले पर व्हाट्सएप ने कहा है कि वो आने वाले समय में यूजर्स के लिए किसी भी फीचर्स को बंद नहीं करने जा रहा है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि हम फिर से कह रहे है कि हमने इस पूरे मामले पर भारत सरकार को जवाब दे दिया है और यूजर्स की प्राइवेसी का आश्वासन देते हैं। हमारा नया अपडेट यूजर्स की प्राइवेसी को प्रभावित नहीं करता है बल्कि उसके बारे में उसे अधिक जानकारी देता है कि बिजनेस अकाउंट के साथ कैसे बात की जा सकती है। आपको बता दें कि व्हाट्सएप ने हाल ही में कहा है कि नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करने वाले ग्राहकों के अकाउंट के लिए वह कुछ फीचर्स को बंद नहीं करेगा और अकाउंट को भी डिलीट नहीं करेगा।