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School Reopening: देखिए कब से आपके बच्चे जाने लगेंगे स्कूल-कॉलेज? सरकार ने बताया अपना प्लान

देश में कब से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज?

कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद मार्च 2020 से देश भर के स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए थे, जबकि कुछ स्कूल, कॉलेज नवंबर 2020 में फिर से खुल गए, कई अन्य ने फरवरी 2021 से ऑफलाइन कक्षाएं फिर से शुरू कर दीं। बाद में देश में कोरोना के दूसरी लहर शुरू होने पर स्कूल और कॉलेज फिर बंद कर दिए गए। अब देश में कोरोना के मामले कम होने के बाद लोगों के मन में सवाल है कि देश में स्कूल कब से खुलेंगे? इसे लेकर सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है।

नीति आयोग (स्वास्थ्य), के अधिकारी डॉक्टर वीके पॉल ने बताया कि, नेशनल और राज्य स्तरीय बोर्ड परीक्षाएं कोविड-19 महामारी की वजह से रद्द कर दी गईं। कोरोना के बाद से ही बंद स्कूलों को फिर से खोलने पर तब ही विचार किया जाएगा जब ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को वैक्सीन लग जाएगा। इसके अलावा कोविड के बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव की और अधिक जानकारी सामने आने के बाद ही स्कूल खोलने पर विचार किया जाएगा।

इसके आगे उन्होंने कहा कि, वो समय जल्दी ही आना चाहिए, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कैसे विदेशों में स्कूल थे और फिर कोरोना के केस बड़ने के बाद उन्हें फिर से बंद करना पड़ा था। हम अपने छात्रों और शिक्षकों को ऐसे हालात में नहीं डालना चाहते हैं।' डॉक्टर पॉल ने कहा कि लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि स्कूल खुल सकते हैं और बच्चों को सोशल डिस्टेन्सिंग फॉलो करने की जरुरत नहीं है। 'ऐसी कई चीजे हैं जिसके बारे में अभी तक हम नहीं जानते हैं। स्कूलों को दोबारा खोलना एक अलग मुद्दा है। यह सिर्फ छात्रों के बारे में नहीं है बल्कि इसमें शिक्षक और गैर शैक्षणिक कर्मचारी भी शामिल हैं। जिस तरह वायरस अपना रुप बदल रहा है उसे ध्यान में रखना होगा। आज यह बच्चों के बीच कम असरदार है लेकिन अगर कल यह ज्यादा संक्रामक हो गया तब क्या होगा?'

गौरतलब हो कि इस वक्त 18+ वालों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इससे निचे के बच्चों को लिए अभी देश में वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है, ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना किसी खतरे से कम नहीं है। वहीं बच्चों की वैक्सीन बनाने को लेकर सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। वहीं, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और एम्स ने अपनी एक स्टडी में बताया है कि 18 साल के कम के उम्र के बच्चों में कोविड-19 के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी विकसित हुई है। इसलिए ऐसी उम्मीद है कि कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर ज्यादा नहीं होगा।