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NSA डोभाल के करीबी हैं CBI के नए बॉस, देखिए महाराष्ट्र से केंद्र में कैसे आए सुबोध जायसवाल

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सुबोध कुमार जायसवाल को सीबीआई का नया प्रमुख नियुक्त कर दिया गया है। जायसवाल 1985 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं। सीबीआई डायरेक्टर के पद पर दो साल तक रहेंगे। वर्तमान में जायसवाल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक हैं। सुबोध जायसवाल को पुलिस सर्कल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल का करीबी माना जाता है। जब उन्होंने महाराष्ट्र से डेप्युटेशन पर केंद्र में लाया गया तभी से ये कहा जाने लगा था कि उन्हें किसी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।

खबरों की माने तो सुबोध जायसवाल को पहले दिल्ली पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंपी जानी थी लेकिन उन्होंने राजधानी में पुलिस को लेकर राजनीतिक घमासान की वजह से मना कर दिया, जिसके बाद उन्हें CISF के प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई थी।

सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के माने जाते हैं करीबी

एनएसए डोभाल से चर्चा के बाद ही सुबोध जायसवाल को जनवरी 2021 में सेंट्रल डेप्युटेशन पर लाया गया। उस वक्त वह महाराष्ट्र के डीजीपी थे। उस समय वह सूबे के राजनीतिक नेतृत्व के साथ काम करने में असहज महसूस कर रहे थे लिहाजा शिद्दत से सेंट्रल डेप्युटेशन खोज रहे थे। महाविकास अघाड़ी सरकार के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ पाई। खबरों के मुताबिक जायसवाल और उद्धव सरकार में दरार पोस्टिंग्स और सीनियर आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर बढ़ी थी। जायसवाल को 2018 में मुंबई पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। तब के सीपी दत्ता पदसालगिकर को प्रमोट करके डीजीपी बनाया गया था। पदसालगिकर के रिटायर होने के बाद जायसवाल ने उनकी जगह ली।

CBI चीफ के लिए ये दो नाम भी थे लिस्ट में

CBI के नए चीफ बने सुबोध जायसवाल करीब एक दशक तक देश की खुफिया एजेंसी रिसर्च ऐंड ऐनालिसिस विंग (R&AW) में काम कर चुके हैं। नए सीबीआई प्रमुख के चयन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीजेआई एनवी रमना और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे। इस समिति ने सोमवार को सुबोध कुमार जायसवाल, केआर चंद्रा और और वीएसके कौमुदी का नाम शॉर्टलिस्ट किया था। हालांकि अंत में सुबोध जायसवाल को सीबीआई चीफ की जिम्मेदारी सौंपी गई। बताते चलें कि, सीबीआई निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला का दो साल का कार्यकाल तीन फरवरी को पूरा हो गया था, तब से एजेंसी बिना नियमित प्रमुख के काम कर रही थी।