प्रधानमंत्री मोदी ने आज अलीगढ़ का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ने यूपी को एक यूनिवर्सिटी और डिफेंस कॉरिडोर की सौगात दी। पीएम मोदी ने आज अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर स्टेट लेवल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। अलीगढ़ के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए बहुत बड़ा दिन है। पीएम मोदी ने कहा कि आज स्वर्गीय कल्याण सिंह होते तो काफी खुश होते। आजादी की लड़ाई में कई ऐसे योद्धा रहे, जिनका परिचय नई पीढ़ी से नहीं करवाया गया। 20वीं सदी की गलतियों को 21वीं सदी का भारत सुधार रहा है।
अलीगढ़ के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एक बार फिर सीएम योगी की सरकार की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां निवेश का माहौल बना है। प्रदेश में पहले परिवार अपराधियों के डर से घरों में कैद रहते थे। आज अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। एक समय में यहां गुंडों-माफियाओं की मनमानी थी। राजकाज भ्रष्टाचार के हवाले था। अब वसूली करने वाले पकड़े जा रहे हैं। योगी सरकार में गरीब की सुनवाई हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि यूपी निवेश की पहली पसंद बना है, योगीजी की टीम सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को आगे बढ़ा रही है। यूपी को पहले विकास में रुकावट के रूप में देखा जाता था, आज वहां पर ही देश के बड़े अभियानों में सबसे आगे है।
अलीगढ़ में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस राजा के नाम पर विश्वविद्यालय का शिलान्यास रखने जा रहे हैं, उन्हें बहुत कम लोग ही जानते हैं। जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह के बारे में ज्यादातर जाट समुदाय के लोग ही जानते हैं। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोग भी राजा महेंद्र प्रताप सिंह के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी रखते हैं। अब अलीगढ़ में जिस राजा के नाम पर विश्वविद्यालय बनने वाला है, उस राजा के बारे में जानना बहुत जरूरी हो जाता है। इसलिए, आज हम यहां आपको राजा महेंद्र प्रताप सिंह के बारे में कुछ बहुत ही जरूरी बातें बताने जा रहे हैं। राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्म साल 1886 में उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुआ था। राजा को पढ़ाई-लिखाई का शौक था, लिहाजा उन्होंने अपने समय में काफी शिक्षा ग्रहण की। बताया जाता है कि उस समय वे अपने क्षेत्र के काफी पढ़े-लिखे व्यक्ति हुआ करते थे। एक स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ राजा महेंद्र प्रताप ने एक लेखक और पत्रकार का भी काम किया।
महेंद्र प्रताप सिंह ने 1 दिसंबर, 1915 को अफगानिस्तान में पहली निर्वासित सरकार का ऐलान किया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजा महेंद्र प्रताप ने भी अपने जीवन में ठीक वही काम किया जो काम नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया था।