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जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद से घाटी में बढ़ा 'मछली पालन', अब रोजगार दे रहे यहां के युवा

जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद से घाटी में बढ़ा 'मछली पालन', अब रोजगार दे रहे यहां के युवा

जम्मू-कश्मीर के युवा धारा-370 खत्म होने और केंद्रशासित प्रदेश (UT) के रुप में जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद विकास के अवसर को आकार देने में लगे हैं। यहां के युवाओं के दिल-दिमाग में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ता नजर आ रहा है।  इस कृषि प्रधान UT में 'विकास की गंगा' बहाने के लिए सरकार भी प्रयास में लगी है। नतीजतन जम्मू-कश्मीर में मछली पालन का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है। क्योंकि यह पूरा क्षेत्र ही मछली पालन के लिए बेहद मुफीद इलाका है। यहां 90 फीसद खेती की जमीन होने के साथ कई छोटी-बड़ी नदियां, ताल-तलैया और जोहड़ है। इससे यहां व्यवसायिक स्तर पर मछली-पालन करना सबसे सुविधाजनक पेशा बनकर उभर रहा है। इन दिनों घाटी के हजारों लोग इसे रोजगार का मुख्य जरिया बना रहे हैं।

<a href="https://hindi.indianarrative.com/india/ddc-poll-wife-of-former-terrorist-contesting-ddc-election-know-how-his-jammu-and-kashmir-will-be-21677.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">केंद्रशासित सरकार</a> व्यवसायिक स्तर पर मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए सब्सिडी मुहैया करा रही है। जिससे आम लोगों को  काफी सहुलियत मिल रही है।  अनंतनाग के तीन भाइयों ने सरकारी मदद से निजी मछली पालन व्यवसाय शुरू किया है। उनको मत्स्य विभाग से आर्थिक मदद मिली है। इसकी वे बहुत सराहना करते मिले।

<img class="wp-image-21748 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/12/Trout.jpg" alt="जम्मू-कश्मीर सरकार की मदद से मछली पालन बढ़ रहा है। " width="1200" height="800" /> जम्मू-कश्मीर में मछली पालन को लेकर भरोसा बढ़ा है। (फोटो..गूगल)

ट्राउट मछली फर्म  शुरू करने  वाले आशिक हुसैन ने बताया,  उनको मत्स्य विभागा की ओर से निर्माण, चारा और उपकरण के लिए मदद मिली है। भाईयों की पढ़ाई पूरी होने के बाद भी सभी बेरोजगार थे। जब हमको सरकार के इस योजना के बारे में जानकारी मिली तो हमने विभाग में पता किया। विभाग ने हमारी बहुत मदद की। हमें मत्स्य पालन सीखाने के साथ केंद्र सरकार की राष्ट्रीय किसान विकास योजना (RKVY) के तहत सब्सिडी उपलब्ध कराया। इससे निर्माण कार्य, चारा और उपकरण की व्यवस्था हो गई। हुसैन बताते हैं कि उसके फर्म में छह अन्य लोगों को भी रोजगार मिला है।

ऐसे ही घाटी में बहुत से लोग मछली उत्पादन में हाथ आजमा रहे हैं। और दूसरो के लिए भी रोजगार पैदा कर रहे हैं। वहीं इस व्यवसाय के लिए सिर्फ साफ पानी और जमीन के छोटे टुकड़े की आवश्चयकता होती है।  मत्स्य विभाग में इंस्पेक्टर मुहम्मद शरीफ ने बताया, मछली हेल्थ के लिए काफी अच्छी है और इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मछलियों की मांग को देखते हुए विभाग की ओर से लोगों को काफी मदद की जा रही है ताकि इस उद्योग को राज्य में आगे बढ़ाया जाए।
<h3>ट्राउट मछली का पालन कितना फायदेमंद</h3>
ट्राउट मछली दिल के मरीजों के लिए रामबाण का काम करती है। यह मछली ठंडे पानी में रहती है। अभी जम्मू-कश्मीर के अलावा  हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ट्राउड मछली पालन का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा  है। इन राज्यों के किसानों को ट्राउट फार्मिंग बहुत फायदा पहुंचा रहा है। क्योंकि ट्राउट मछली 1,000 से 1500 रुपये प्रति किलो तक बिकती है। आपको बता दें कि ट्राउट पालन के लिए 15 मीटर लम्बा, 1 मीटर चौड़ा और 1 मीटर गहरे टैंक बनाए जाते हैं।.