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छत्रसाल स्टेडियम मर्डर केस: आखिरकार गिरफ्तार हुआ सुशील कुमार और उसका साथी अजय, हिरासत में होने के बावजूद भी दिखाई अकड़

photo courtesy Google

पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में ओलंपियन सुशील कुमार को गिरफ्तारी हो चुकी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 18 दिन बाद सुशील कुमार और उसके साथी अजय को दिल्ली के ही मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया है। अजय छत्रसाल स्टेडियम में ही स्पोर्ट्स टीचर है। दोनों ही सागर की हत्या में आरोपी है। पुलिस के मुताबिक, ये दोनों मुंडका के पास स्कूटी से कहीं जा रहे थे, तभी पुलिस ने खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपी चार मई को देर रात हुई घटना के बाद से फरार थे।

दरअसल, हत्याकांड मामले में ओलंपियन सुशील कुमार को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस की करीब 15 टीमें पंजाब के अलग- अलग इलाकों में छापेमारी कर रही थी। सुशील का मोबाइल फोन बठिंडा और मोहाली के आस पास एक्टिव मिला था। जिसके चलते दिल्ली पुलिस की टीम संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। शनिवार शाम यानी 22 मई को पुलिस को सूचना मिली कि सुशील और उसका खास अजय सहरावत एक जगह पर छिपे हुए, लेकिन जब तक पुलिस की टीम वहां पहुंची, वो उससे पहले ही फरार हो गए।

 

सुशील जिस सिम का इस्तेमाल कर रहा है वो बठिंडा के सुखप्रीत सिंह बरार के नाम पर है। दिल्ली पुलिस जब सुखप्रीत से पूछताछ की, तो पता चला कि उसने अपने नाम पर सिम लेकर ममेरे भाई अमन के जरिये कुछ दिन पहले सुशील को भिजवा दिया था। अमन के घर तलाशी लेने पर वो नहीं मिला। पुलिस ने सुखप्रीत को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। सुशील पर एक लाख और अजय पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया। साथ ही सुशील का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है। 

आपको बता दें कि 5 मई को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में एक घटना हुई थी जिसके बाद से पहलवान सुशील फरार हो गया। यहां पहलवान सागर धनखड़ की हत्या हुई थी। जिसमें ओलंपियन सुशील का नाम सामने आया। सागर धनखड़ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि सागर की मौत सिर पर किसी भारी चीज से प्रहार से हुई है। किसी लोहे की रॉड या लकड़ी के डंडे से बहुत तेजी से मारे जाने से सागर के सिर पर गंभीर चोट थी। सिर फटने से काफी मात्रा में खून बह गया। अस्पताल पहुंचने तक हालत बिगड़ चुकी थी। सागर के शरीर में कई जगह चोट के निशान पाए गए हैं। तफ्तीश में सामने आया था कि सागर की फावड़े के हत्थे से पिटाई की गई थी। दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी की गई थी।