पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड मामले में ओलंपियन सुशील कुमार को गिरफ्तारी की खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैली। लेकिन कुछ ही मिनटों बाद इस खबर को गलत बताया गया। सूत्रों के मुताबिक, पहलवान सुशील कुमार की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दरअसल, हत्याकांड मामले में ओलंपियन सुशील कुमार को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस की करीब 15 टीमें पंजाब के अलग- अलग इलाकों में छापेमारी कर रही है। सुशील का मोबाइल फोन बठिंडा और मोहाली के आस पास एक्टिव मिला है।
जिसके चलते दिल्ली पुलिस की टीम संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। शनिवार शाम यानी 22 मई को पुलिस को सूचना मिली कि सुशील और उसका खास अजय सहरावत एक जगह पर छिपे हुए है। लेकिन जब तक पुलिस की टीम वहां पहुंची, वो उससे पहले ही फरार हो गए। इस बीच, पंजाब में कुछ लोगों के ट्वीट के जरिए ये अफवाह फैला दी कि सुशील और अजय गिरफ्तार हो गए है। गिरफ्तारी की अफवाहों पर दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों ने आगे आकर इस खबर को झूठा बताया और जांच जारी होने की बात कही।
दरअसल सुशील जिस सिम का इस्तेमाल कर रहा है वो बठिंडा के सुखप्रीत सिंह बरार के नाम पर है। दिल्ली पुलिस जब सुखप्रीत से पूछताछ की, तो पता चला कि उसने अपने नाम पर सिम लेकर ममेरे भाई अमन के जरिये कुछ दिन पहले सुशील को भिजवा दिया था। अमन के घर तलाशी लेने पर वो नहीं मिला। पुलिस ने सुखप्रीत को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस ने इस मामले में सुशील और छह के खिलाफ 15 मई को गैर जमानती वारंट हासिल किया हुआ है। सुशील पर एक लाख और अजय पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया है।
साथ ही सुशील का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है। आपको बता दें कि 5 मई को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में एक घटना हुई थी जिसके बाद से पहलवान सुशील फरार हो गया। यहां पहलवान सागर धनखड़ की हत्या हुई थी। जिसमें ओलंपियन सुशील का नाम सामने आया। सागर धनखड़ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि सागर की मौत सिर पर किसी भारी चीज से प्रहार से हुई है। किसी लोहे की रॉड या लकड़ी के डंडे से बहुत तेजी से मारे जाने से सागर के सिर पर गंभीर चोट थी। सिर फटने से काफी मात्रा में खून बह गया। अस्पताल पहुंचने तक हालत बिगड़ चुकी थी। सागर के शरीर में कई जगह चोट के निशान पाए गए हैं। तफ्तीश में सामने आया था कि सागर की फावड़े के हत्थे से पिटाई की गई थी। दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी की गई थी।