कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने देशभर में तबाही मचाई, इसपर फिलहाल काबू पा लिया गया है लेकिन इसी दौरान तीसरी लहर के भी आने की घोषणा की जा चुकी है। कई रिपोर्ट में दावा किया है कि तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चों पर खतरा है। हालांकि, इस बीच सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि तीसरी लहर में बच्चों को ज्यादा खतरा होने की कहीं भी संकेत नहीं मिलते हैं और जो बच्चें संक्रमित होंगे उनमें ज्यादा असर नहीं होगा लिहाजा वो जल्द ही ठीक हो जाएंगे। इस दौरान कई कंपनियां बच्चों को वैक्सीन बनाने को लेकर काम तेजी से कर रही हैं अब जायडस कैडिला ग्रुप बच्चों के वैक्सीन बनाने में एक कदम आगे है।
गुजरात के अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ग्रुप कोरोना वायरस की अपनी वैक्सीन जायकोव-डी (ZyKov-D) को 5 से 12 साल के बच्चों के लिए टेस्ट करने की योजना बना रहा है। जायकोव-डी प्लाजमिड डीएनए वैक्सीन है, जोकि न्यूक्लिएक एसिड वैक्सीन के तहत आती है। हाल ही में जायडस कैडिला ने बालिगों के लिए 800 क्लिनिकल ट्रायल किए हैं, जबकि वैक्सीन का परीक्षण 12 से 18 साल के बच्चों के लिए भी किया गया है।
जुलाई के अंत तक इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पाने की कोशिश में है कंपनी। कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर शरविल पटेल ने अपने दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि, हमारे पास 5 से 12 आयु वर्ग के बच्चों पर वैक्सीन की टेस्टिंग से जुड़ा अच्छा खासा डाटा होगा। अगर सबकुछ सही तरीके से चलता है, तो 12 से 18 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी मिल जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, हमारी वैक्सीन बच्चों के लिए ज्यादा लाभप्रद होगी। इसमें कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलेगा। इस वैक्सीन का दूसरा फायदा ये है कि इसमें इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है।
बताते चले कि, हाल ही में जायडस कैडिला ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से कोरोना वायरस के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज कॉकटेल के ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल के लिए अनुमति मांगी है। कैडिला हेल्थकेयर ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा है कि, जायडस को डीसीजीआई से कोरोना वायरस की ZRC-3308 वैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए अनुमति का इंतजार है। ये वैक्सीन कोरोना वायरस के दो मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज का कॉकटेल है।
इसके साथ ही जायडस ने कहा है कि कैडिला हेल्थकेयर भारत की एकमात्र कंपनी है, जिसने कोरोना वायरस को मारने वाली कॉकटेल आधारित मोनोक्लोनल एंटीबॉडी विकसित की है।