किसान आंदोलन (Farmers Protest 2020) को खत्म करने और गतिरोध को खत्म करने के लिए विज्ञान भवन में किसान संगठनों के प्रतिनिधि और सरकार के बीच वार्ता शुरु हो गई है। सरकार की ओर से कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ऊर्जा और रेल मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश शामिल हैं। ऐसा भी समझा जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह भी किसान आंदोलन (Farmers Protest 2020) समझौता वार्ता में शामिल हो सकते हैं। क्यों कि उन्होंने बीएसएफ डे के अपने कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि वार्ता से पहले ही किसान आंदोलन (Farmers Protest 2020) में भी फूट पड़ चुकी है।
इसी के बीच यह खबर भी आ रही है कि संयुक्त किसान मोर्चा के एक गुट के नेता राकेश टिकैत और जेजेपी के नेता अजय चौटाला ने कहा है कि अगर सरकार मौजूदा कृषि सुधार कानूनों में <a href="https://farmer.gov.in/mspstatements.aspx" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong>एमएसपी</strong> </a>की बात जोड़ देती है तो किसान आंदोलन खत्म हो सकता है। उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन का संकट का समाधान जितना जल्दी खत्म हो उतना अच्छा है। किसानों से वार्ता करने से पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने काफी देर तक विचार विमर्श भी किया।
इसके विपरीत किसान संघर्ष समिति ने सरकार और किसान नेताओं के बीच समझौता वार्ता में शामिल होने से ही इंकार कर दिया है। पंजाब<a href="https://hindi.indianarrative.com/vichar/farmers-protest-shackles-free-farmers-upsets-middlemen-teased-punjab-will-become-bihar-19631.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong> किसान</strong></a> संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा है कि विज्ञान भवन में सरकार ने सभी किसान संगठनों को नहीं बुलाया है। इसलिए वो इस वार्ता में शामिल नहीं हो रहे हैं। ध्यान रहे, किसानों के आंदोलन में शाहीन बाग वाली बिलकिस बानो भी पहुंची थी। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उन्हें आंदोलन स्थल पर पहुंचने से पहले ही हिरासत में लिया।
इससे पहले बुराड़ी मैदान पर किसानों को भोजन-नाश्ते का श्रेय लेने के कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता आपस में भी भिड़ गए।.