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किसानों को फसल की मनमाफिक कीमत वसूलने की आजादी देता है कृषि विधेयक!

किसानों को फसल की मनमाफिक कीमत वसूलने की आजादी देता है कृषि विधेयक!

एनडीए सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसान विधेयकों के पारित होने के बाद न तो एसएसपी(न्यूनतम समर्थन मूल्य) खत्म किया जा रहा है और नही मंडिया बंद की जा रही हैं और न ही सरकारी खरीद की व्यवस्था ही समाप्त की जारी है। इन विधेयकों के पारित होने के बाद किसानों को यह आजादी होगी कि वो जहां चाहें अपनी फसल को बेच सकते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर पंजाब हरियाणा के किसानों को उनकी फसल का मूल्य आंध्र प्रदेश या कर्नाटक में ज्यादा मिल रहा है तो वो वहां जाकर अपनी फसल बेच सकते हैं। इसी तरह दक्षिण भारत के किसानों को अगर उत्तर भारत में अच्छा पैसा देने वाले व्यापारी मिल रहे हैं तो वो यहां आकर अपनी फसल बेच सकते हैं। अगर वो अपने जिले या शहर की मंडियों में ही अपनी फसल बेचना चाहते हैं तो वहां जा सकते हैं। ये विधेयक किसी के अधिकार पर अंकुश नहीं लगा रहे बल्कि किसान को सभी नियमों से मुक्त कर रहे हैं।

ये विधेयक पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में इसे किसानों के लिए महत्वपूर्ण क्षण बताया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा, लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयकों का पारित होना देश के किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। ये विधेयक सही मायने में किसानों को बिचौलियों और तमाम अवरोधों से मुक्त करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, इस कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारे कृषि क्षेत्र को जहां आधुनिक टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा, वहीं अन्नदाता सशक्त होंगे। ट्वीट में प्रधानमंत्री ने लिखा, किसानों को भ्रमित करने में बहुत सारी शक्तियां लगी हुई हैं। मैं अपने किसान भाइयों और बहनों को आश्वस्त करता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सरकारी खरीद की व्यवस्था बनी रहेगी। ये विधेयक वास्तव में किसानों को कई और विकल्प प्रदान कर उन्हें सही मायने में सशक्त करने वाले हैं।

विधेयक पारित होने के बाद कई मंत्रियों और नेताओं की प्रतिक्रिया आई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, लोक सभा ने किसानों के हित में आज एक ऐतिहासिक विधेयक पास किया है। किसान अब अपनी फसल मंडी या मंडी के बाहर, जहां भी अच्छा मूल्य मिले वहां बेच सकेंगे। किसान बिचौलियों के शोषण से मुक्त हो सकेंगे। किसानों हित के इस ऐतिहासिक क़ानून के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में आज आज़ादी के बाद कृषि क्षेत्र में हुए सबसे बड़े सुधारों में से एक को लोक सभा की मंजूरी मिल गई। भारत की कृषि का उद्योगों से बेहतर लिंक बनेगा, कृषि उत्पादों के लिए किसानों को सही मूल्य मिलेगा और उनका जीवन समृद्ध होगा।

विधेयक के बारे में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, मौसम के जोखिम और बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा के कारण इस अध्यादेश ने किसानों के लिए नई संभावनाओं और नई आशाओं के द्वार खोल दिए हैं एवं किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य वर्ष 2014-15 के 1400 रुपये प्रति क्विंटल मुकाबले वर्ष 2020-21 में बढ़कर 1925 रुपये हो गया है, जो लगभग 37.5% की वृद्धि को दर्शाता है।

नरेंद्र सिंर तोमर ने कहा, पीएम किसान योजना के एक वर्ष के भीतर ही 10 करोड़ से अधिक किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं। इसके अंतर्गत अब तक, DBT के माध्यम से 93,000 करोड़ रुपये की राशि किसानों के खतों में हस्तांतरित की गई है। इसी प्रकार की प्रतिक्रिया केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आई। उन्होंने कहा, लोकसभा ने दो बिल पास कर दिए। कृषि क्षेत्र में सुधार का यह बड़ा कदम है। किसान अब अपनी उपज कहीं भी और किसी को भी बेच सकते हैं। एपीएमसी बनी रहेगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी जारी रहेगा।.