केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक और महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें शुक्रवार को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का भी प्रभार सौंपा गया। तोमर पहले से ही तीन मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। तोमर के पास कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अलावा, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय की जिम्मेदारी पहले से ही थी और अब उनको खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
इससे पहले खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का जिम्मा शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल के पास था जिन्होंने गुरुवार को लोकसभा में कृषि विधेयकों के विरोध में मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 और मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता (अधिकार प्रदान करना और सुरक्षा) और कृषि सेवा विधेयक, 2020 गुरुवार को लोकसभा में पारित हुए। दोनों विधेयकों के पारित होने से पहले सदन में चर्चा के दौरान शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इनका विरोध किया। उन्होंने विधेयकों को किसान विरोधी बताया, जिसके बाद हरसिमरत कौर बादल ने मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री ने पूर्व का उदाहरण देते हुए विपक्ष के विरोध का जवाब दिया। लोकसभा में तोमर के वक्तव्य की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके उनका भाषण सुनने की सलाह दी है। मोदी ने कहा, किसानों और कृषि से जुड़े सभी लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे लोकसभा में कृषि सुधार विधेयकों पर चर्चा के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा दिए गए भाषण को जरूर सुनें।
तोमर ने इन विधेयक में एक 'एक राष्ट्र, एक कृषि उत्पाद बाजार' की परिकल्पना के संबंध में कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा, इस सुधार पर किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। नौ अप्रैल 2005 को दिल्ली में कृषि सम्मेलन हुआ था। उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे। उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा था कि सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिए स्थानीय मार्केट को एकीकृत करने को लेकर उनकी सरकार प्रतिबद्ध है। समय आ गया है कि कृषि उत्पादों के लिए हमें पूरे देश को एक कॉमन व सिंगल मार्केट बनाना है।
कृषि मंत्री ने कहा कि विधेयक में जो 'एक राष्ट्र, एक कृषि बाजार' का जिक्र है उसकी बात उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने की थी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए आगे कहा, हमें व्यवस्थित तरीके से आंतरिक नियंत्रण और बाधाओं को हटाना है। किसानों और एनजीओ, सहकारी संस्थाओं और निजी कंपनियों के माध्यम से इसे प्रोत्साहित करना चाहिए। तोमर ने कहा, यह मैं नहीं मनमोहन सिंह जी ने कहा है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष के सारे सवालों का जवाब दिया और दोनों विधेयकों को किसान-हितैषी बताया।
कृषि एवं बागवानी उत्पादों के मूल्यवर्धन के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का विशेष महत्व है। केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत फार्मगेट इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण के लिए एक लाख करोड़ रुपये का कोष बनाया है। कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचा तैयार होने से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।.