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कृषि सुधार विधेयकों का लाभ: एमएसपी पर धान खरीद पिछले वर्ष की तुलना में 23% प्रतिशत बढ़ी

खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के लिए धान की खरीद पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, गुजरात और केरल में सुचारू रूप से चल रही है। 24 अक्टूबर 2020 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 144.59 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में 117.55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। इस वर्ष में अब तक हुई धान की खरीद में पिछले वर्ष से 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

144.59 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 95.20 लाख टन है, जो कि कुल खरीद का 65.84 प्रतिशत है। लगभग 12.41 लाख किसानों को सरकार की वर्तमान एमएसपी योजनाओं का लाभ देते हुए वर्तमान खरीफ विपणन सत्र में 18,880 रुपये प्रति मीट्रिक टन के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 27298.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

राज्यों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020 के लिए 45.10 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

24 अक्टूबर 2020 तक तक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 894.54 मीट्रिक टन मूंग और उड़द की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की है। इस प्रकार तमिलनाडु, महाराष्ट्र और हरियाणा के 871 किसानों को 6 करोड़ 43 लाख रुपये की आय हुई है। इसी तरह से 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इस दौरान 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है।

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कपास की खरीद का कार्य न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत सुचारू रूप से चल रहा है। 24 अक्टूबर 2020 तक 68419 किसानों से 104790.17 लाख रुपये के एमएसपी मूल्य पर कपास की 353252 गांठों की खरीद की जा चुकी है।.