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कृषि मशीनीकरण में नवाचार बढ़ाने के लिए आईसीएआर का 'कृतज्ञ' हैकथॉन

कृषि मशीनीकरण में नवाचार बढ़ाने के लिए आईसीएआर का 'कृतज्ञ' हैकथॉन

महिलाओं के अनुकूल कृषि उपकरणों के विकास पर विशेष जोर देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में  मशीनीकरण को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी समाधान को बढ़ावा देने हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) के तहत “कृतज्ञ” (KRITAGYA) हैकथॉन का आयोजन किया जा रहा है।

देश भर के विश्वविद्यालय/ तकनीकी संस्थान के छात्र, संकाय और नवप्रवर्तक/उद्यमी समूह बनाकर प्रतियोगी के रूप में इसमें भाग लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने बताया कि नवीन प्रौद्योगिकी समाधानों के माध्यम से महिलाओं के अनुकूल उपकरणों का विकास एवं संवर्धन और हितधारकों के साथ सही सहयोग कृषि की उत्पादकता व लाभप्रदता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जिसके लिए अनेक बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी जोर दिया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी बैठकों में इस संबंध में मार्गदर्शन दिया है, जिसके अनुसार यह आयोजन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि एक समूह में अधिकतम 4 प्रतिभागी शामिल होंगे, जिनमें एक से अधिक संकाय और/या एक से अधिक प्रवर्तक या उद्यमी नहीं होंगे। भाग लेने वाले छात्र स्थानीय स्टार्ट-अप, प्रौद्योगिकी संस्थानों के छात्रों के साथ सहयोग कर सकते हैं। हैकथॉन में पहला, दूसरा और तीसरा स्थान पाने वाले प्रतियोगी समूहों को क्रमशः 5 लाख रुपये, 3 लाख रुपये और 1 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। प्रतियोगिता के लिए पंजीकरण 15 सितंबर 2020 से शुरू हो चुका है।

आईसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. आर.सी. अग्रवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम छात्रों, संकायों, उद्यमियों, नवप्रवर्तकों व अन्य हितधारकों को देश में कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए अपने नवीन दृष्टिकोणों और प्रौद्योगिकी समाधानों को प्रदर्शित करने का अवसर देगा। आईसीएआर के कृषि अभियांत्रिकी विभाग के साथ एनएएचईपी द्वारा की गई पहल से फार्म मशीनीकरण क्षेत्र में सीखने की क्षमता, नवाचार व समस्या समाधान, रोजगार एवं उद्यमशीलता को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, यह प्रतिस्पर्धा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिकल्पित इक्विटी और समावेश के साथ गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा के दृष्टिकोण को आगे ले जाने में भी मदद करेगी।

उन्होंने बताया कि गैर-कृषि क्षेत्रों में बेहतर संभावनाओं की तलाश के लिए मुख्य रूप से पुरुषों के प्रवास के कारण कृषि क्षेत्र के संचालन में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के मद्देनजर, आईसीएआर ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए स्वचालन और मशीनीकरण को बढ़ावा देने हेतु समग्र रूप से इस कार्यक्रम को आयोजित करना आवश्यक समझा है।

आईसीएआर ने नवंबर-2017 में भारत सरकार व विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से एनएएचईपी की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य छात्रों को अधिक प्रासंगिक और बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान और शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करना है।.