केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आम लोगों के लिए “केंद्रीकृत कृषि मशीनरी परीक्षण पोर्टल (सेंट्रलाइज्ड फार्म मशीनरी परफॉर्मेंस टेस्टिंग पोर्टल)” लॉन्च किया। इस पोर्टल को कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग द्वारा कृषि मशीनरी परीक्षण संस्थानों की सेवाओं में सुधार और मशीनों के परीक्षण और मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए विकसित किया गया है।
इस मौके पर तोमर ने कहा कि कृषि मशीनों को अपनाने में काफी वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप फसल के क्षेत्र, फसल की विविधता और देश में कृषि उत्पादन का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री ने उद्योग के प्रतिनिधियों से अपील की कि वे कृषि उपकरण बनाये, जिन्हें छोटे और सीमांत किसानों द्वारा उपयोग किया जा सके।
यह पोर्टल निर्बाध तरीके से उनकी मशीनों के परीक्षण की प्रगति के लिए आवदेन करने, संप्रेषण और निगरानी करने में विनिर्माताओं को सुविधा प्रदान करेगा, क्योंकि इस पर किसी भी लोकेशन से और इंटरनेट से जुड़ी किसी भी डिवाइस से आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह संगठन के भीतर एकीकृत तरीके से समेकित प्रबंधन की संभावना प्रदान करता है।
इस प्रकार परीक्षण संस्थानों की दक्षता में सुधार लाने में मदद करेगा जिससे विभिन्न कृषि मशीनों और उपकरणों के परीक्षण समय को कम किया जा सकेगा। यह पोर्टल प्रयोक्ताओं अर्थात विनिर्माताओं, एफएमटीटीआईएस और डीएसी एंड एफडब्ल्यू को कई लाभ प्रदान करता है।
कृषि मशीनीकरण कृषि कार्य को कार्यक्षम एवं लाभकारी बनाने का सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह फसल उत्पादन प्रणाली में उपयोग किए जाने वाले सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष इनपुट की कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न कृषि कार्यों से जुड़े कठिन परिश्रम को कम करता है।
भारत सरकार के कृषि मशीनीकरण संबंधी कार्यक्रमों एवं स्कीमों के फलस्वरूप विभिन्न कृषि कार्यों के लिये प्रति इकाई क्षेत्र में बिजली की उपलब्धता में लगातार वृद्धि हुई है। इस बदलाव के फलस्वरूप कृषि का विविधीकरण हुआ है और परंपरागत फसलों से व्यावसायिक फसलों की ओर रुझान बढ़ा है।
कृषि मशीनों का परीक्षण एवं मूल्यांकन गुणवत्ता तथा कार्य क्षमता में सतत सुधार करता है। एक समान प्रकार की मशीनों के लिए तुलनात्मक डाटा विनिर्माताओं के लिए उपलब्ध है, जो उनके उत्पाद के डिजाइन को बेहतर बनाने में उनकी मदद करता है। यह न केवल राष्ट्रीए स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी कृषि मशीनों के वाणिज्यीकरण के अवसर प्रदान करता है।
कृषि मशीनरी के परीक्षण और मूल्यांकन के महत्व को देखते हुए और परीक्षण की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा चार कृषि मशीनरी प्रशिक्षण और परीक्षण संस्थानों के अतिरिक्त कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राज्य सरकारों के तहत 35 संस्थानों की पहचान करके प्राधिकृत किया गया है।
बुधनी (मध्य प्रदेश), हिसार (हरियाणा), अनंतपुर (आंध्र प्रदेश) और बिस्ववनाथ चरियाली (असम) के फार्म मशीनरी प्रशिक्षण एवं परीक्षण संस्थान इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ओईसीडी मानकों के अनुसार बुधनी संस्थान ट्रैक्टर के परीक्षण के लिए एक नामित राष्ट्रीय संस्थान है।.