केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत की। बैठक की शुरुआत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों का हृदय से स्वागत किया और किसानों को सशक्त, बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों की जानकारी दी।
नरेंद्र सिंह तोमर ने इस बात पर जोर दिया ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हमेशा कृषि ही रही है। उन्होंने यह उल्लेख किया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर विशेष ध्यान के साथ सरकार किसानों का कल्यांण करने के लिए कई उपाय कर रही है। नए कृषि अधिनियम न केवल किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता प्रदान करेंगे, बल्कि किसानों के हितों की भी रक्षा करेंगे।
बातचीत के दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को यह भी बताया कि एमएसपी पर कृषि उपज की खरीद तथा मंडी प्रणाली पहले जैसे ही जारी रहेगी। नए कृषि अधिनियम किसानों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए मंडियों को प्रोत्साहित करेंगे।
<img class="wp-image-17751" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/11/किसान-प्रतिनिधि.jpg" alt="farmer representatives" width="562" height="295" /> नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधिइसके बाद किसान संघों के प्रतिनिधियों ने नए कृषि अधिनियमों पर अपने विचार व्यक्त किये। किसान प्रतिनिधियों को सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के लिए रोजगार अवसरों का सृजन करने के लिए कृषि अवसंरचना कोष तथा 10,000 किसान उत्पादक संगठनों का गठन करने जैसी कई अन्य पहलों से भी अवगत कराया गया।
बातचीत के दौरान किसान कल्याण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। यह भी आश्वासन दिया गया कि भारत सरकार किसानों के हित की रक्षा करने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है तथा किसानों के कल्याण के लिए चर्चा करने हेतु भारत सरकार के द्वार हमेशा खुले हैं। वार्ता सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई और दोनों पक्षों ने आगे की चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की।.