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Farmers Protest शरद पवार ने आंदोलनजीवियों को दिया झटका, बोले- कृषि कानून वापस लेने की जरूरत नहीं

Sharad pawar

कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से धीरे-धीरे कर के सपोर्ट खत्म हो रहा है। अब विपक्ष के बड़े नेता शरद पवार ने किसान कानूनों को सही बता दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि वह पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के उस बयान का स्वागत करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्र के कृषि कानूनों में संशोधन की आवश्यकता नहीं है।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा, "मैं पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार के उस बयान का स्वागत करता हूं जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी कानूनों को बदलने की जरूरत नहीं है। जिन धाराओं के खिलाफ आपत्ति है उन्हें विचार-विमर्श के बाद बदला जाना चाहिए।" तोमर ने कहा, "मैं उनके रुख का स्वागत करता हूं। केंद्र उनसे सहमत है, हम चाहते हैं कि मामला जल्द से जल्द सुलझाया जाए।"

राकांपा प्रमुख ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा, "इस पर बालासाहेब थोराट के साथ चर्चा की। जैसा कि केंद्र ने विधेयकों को मंजूरी दे दी है, इन्हें पारित करने से पहले, राज्यों को विवादास्पद बिंदुओं पर चर्चा करनी चाहिए और निर्णय लेना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि यह दो दिवसीय राज्य विधानसभा सत्र में आएगा। अगर यह आता है, तो इस पर चर्चा की जानी चाहिए।"

आपको बता दें कि गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए राकांपा प्रमुख पवार ने कहा था, ''किसान पिछले छह महीने से आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र और किसानों के बीच गतिरोध है। इसलिए वे अब भी वहीं बैठे हैं। केंद्र को उनसे बातचीत करनी चाहिए। इसे इसमें नेतृत्व करना चाहिए।" राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख पवार ने गुरुवार को कहा कि उन्हें नहीं लगता कि महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में कृषि कानूनों पर चर्चा होगी।