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पीएम मोदी का आत्मनिर्भर भारत में कृषि की प्रमुख भूमिका पर बल

पीएम मोदी का आत्मनिर्भर भारत में कृषि की प्रमुख भूमिका पर बल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झांसी में रानी लक्ष्मी बाई कृषि विश्वविद्यालय के एक शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन का उद्घाटन करते हुए अपने विचार रखे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "गांवों के पास उद्योगों के समूह बनाने की एक व्यापक योजना बनाई गई है। इन उद्योगों के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का एक विशेष कोष बनाया गया है, ताकि बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।" उन्होंने कहा कि कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसान को उत्पादक और उद्यमी बनाना है।

मोदी ने कहा, "जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तैयार होने वाले हैं।"

उन्होंने कहा, "हमारी सरकार का प्रयास है कि गांव के स्तर पर मिडिल स्कूल लेवल पर ही कृषि के विषय को लागू किया जाए। इससे दो लाभ होंगे। एक लाभ तो ये होगा कि गांव के बच्चों में खेती से जुड़ी जो एक स्वभाविक समझ होती है, उसका विस्तार होगा। दूसरा लाभ यह होगा कि वो खेती और इससे जुड़ी तकनीक, व्यापार-कारोबार के बारे में अपने परिवार को ज्यादा जानकारी दे पाएंगे। ड्रोन तकनीक हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की तकनीक हो, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए आप जैसे युवा शोध करने वालों के साथ युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा। सरकार आप को सभी सुविधा देने को तैयार है।"

उन्होंने नदियों को जोड़कर जल संकट को दूर करने के बारे में भी बताया।

उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र न केवल कृषि आत्मनिर्भरता, बल्कि रक्षा गलियारे के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से भी समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह न केवल रोजगार पैदा करेगा, बल्कि झांसी और आसपास के क्षेत्रों में भी भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, "एक तरह से बुंदेलखंड और आसपास के इलाके में 'जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान' का मंत्र चारों ओर गूंजेगा।"

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।.