आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर स्थित मशहूर सूर सरोवर झील जिसे कीथम भी कहते हैं, उसे अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलैंड (Wetland of international importance) की सूची रामसर साइट्स (Ramsar sites) में जोड़ा गया है। सूर सरोवर झील, उत्तर प्रदेश का आठवां सबसे बड़ा वेटलैंड है। यह पूरी झील 7.13 वर्ग किमी के जलग्रहण क्षेत्र में बनाई गई है। इसे 1991 में राज्य वन विभाग ने राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य भी घोषित किया था।
प्रवासी पक्षियों को आश्रय और प्रजनन वाली यह कृत्रिम झील 106 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों का घर है। यह साइट उन पक्षियों की प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो मध्य एशिया को पार करके प्रवास करने आते हैं। करीब 30,000 से अधिक जल पक्षी हर साल यहां आते हैं। अभयारण्य में लगभग 300 अजगर और 60 से ज्यादा प्रजातियों की मछलियां हैं।
इसको देखकर सूर सरोवर वेटलैंड साइट को यूनेस्को (UNESCO) द्वारा 1971 में अंतर-सरकारी पर्यावरण संधि (Inter-governmental environment treaty) के जरिए स्थापित अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वेटलैंड की रामसर कन्वेंशन साइट्स (Ramsar Convention Sites) के लिए नामित किया गया है। आगरा में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य परियोजना के उप संरक्षक दिवाकर श्रीवास्तव ने कहा कि इस बात की खुशी है कि इससे सूर सरोवर वेटलैंड साइट को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
योगी आदित्यनाथ की सरकार इस पक्षी विहार को इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित करने की योजना भी बना रही है। इसे लेकर उत्तर प्रदेश के वन और पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने फरवरी में घोषणा भी की थी। इससे पहले राज्य के 6 अन्य वेटलैंड्स को साल की शुरुआत में रामसर साइट घोषित किया गया था। वहीं आगरा शहर में अब पर्यटकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्पॉट की संख्या 4 हो गई है। इसमें 3 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और एक वेटलैंड हैं।.