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Vocal for Local: सादगी की पहचान खादी, मैक्सिको में बनी ईको-फ्रैंडली फैब्रिक का ब्रॉंड

Vocal for Local: सादगी की पहचान खादी, मैक्सिको में बनी ईको-फ्रैंडली फैब्रिक का ब्रॉंड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात '2.0' की 17वीं कड़ी में रविवार को विजयादशमी के दिन देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे लोकल प्रोडक्ट्स की फैन हो रही है। हमारे कई लोकल प्रोडक्ट्स में ग्लोबल होने की बहुत बड़ी शक्ति है। जैसे एक उदाहरण है -खादी का।

मोदी ने कहा कि लम्बे समय तक खादी सादगी की पहचान रही है, लेकिन हमारी खादी आज ईको-फ्रैंडली फैब्रिक के रूप में जानी जा रही है। स्वास्थ्य की दृष्टि से ये बॉडी फ्रैंडली फैब्रिक है,ऑल वेदर फैब्रिक है और आज खादी फैशन का प्रतीक तो बन ही रही है।

मोदी ने कहा कि खादी की पॉपुलैरिटी तो बढ़ ही रही है, साथ ही दुनिया में कई जगह खादी बनाई भी जा रही है। मेक्सिको में एक जगह है ‘ओहाका (Oaxaca)’। इस इलाके में कई गाँव ऐसे है, जहाँ स्थानीय ग्रामीण, खादी बुनने का काम करते है। आज यहाँ की खादी ‘ओहाका खादी’ के नाम से प्रसिद्ध हो चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि ओहाका में खादी कैसे पहुँचीं?
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<p dir="ltr" lang="en">An interesting example from Mexico that showcases the popularity of Khadi. <a href="https://twitter.com/hashtag/MannKiBaat?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#MannKiBaat</a> <a href="https://t.co/8HpWNVqb1H">pic.twitter.com/8HpWNVqb1H</a></p>
— PMO India (@PMOIndia) <a href="https://twitter.com/PMOIndia/status/1320238342680637441?ref_src=twsrc%5Etfw">October 25, 2020</a></blockquote>
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ये भी कम रोचक नहीं है। दरअसल, मेक्सिको के एक युवा मार्क ब्रॉउन (Mark Brown) ने एक बार महात्मा गाँधी पर एक फिल्म देखी। ब्रॉउन ये फिल्म देखकर बापू से इतना प्रभावित हुए कि वो भारत में बापू के आश्रम आये और बापू के बारे में और गहराई से जाना-समझा। तब ब्रॉउन को एहसास हुआ कि खादी केवल एक कपड़ा ही नहीं है, बल्कि ये तो एक पूरी जीवन पद्धति है।

इससे जिस तरह से ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आत्मनिर्भरता का दर्शन जुड़ा है, ब्रॉउन उससे बहुत प्रभावित हुए। यहीं से ब्रॉउन ने ठाना कि वो मेक्सिको में जाकर खादी का काम शुरू करेंगे। उन्होंने मेक्सिको के ओहाका में ग्रामीणों को खादी का काम सिखाया, उन्हें प्रशिक्षित किया और आज ‘ओहाका खादी’ एक ब्रांड बन गया है। इस प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर लिखा है ‘The Symbol of Dharma in Motion’।
<blockquote class="twitter-tweet">
<p dir="ltr" lang="en">Glad to see record Khadi sales at the Khadi Store in Delhi. <a href="https://twitter.com/hashtag/MannKiBaat?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#MannKiBaat</a> <a href="https://t.co/Fkgp9Mnelm">pic.twitter.com/Fkgp9Mnelm</a></p>
— PMO India (@PMOIndia) <a href="https://twitter.com/PMOIndia/status/1320238535643836416?ref_src=twsrc%5Etfw">October 25, 2020</a></blockquote>
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प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इस वेबसाइट में मार्क ब्रॉउन का बहुत ही दिलचस्प इंटरव्यू भी मिलेगा। वे बताते हैं कि शुरू में लोग खादी को लेकर संदेह में थे, परन्तु आख़िरकार इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ी और इसका बाज़ार तैयार हो गया। जब आप लोगों की जरूरतों को पूरा करते है तो फिर लोग भी आपसे जुड़ने चले आते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली के कनॉट प्लेस के खादी स्टोर में इस बार गाँधी जयंती पर एक ही दिन में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की खरीदारी हुई। इसी तरह कोरोना के समय में खादी के मास्क भी बहुत लोकप्रिय हो रहे हैं। देशभर में कई जगह सेल्फ हेल्फ ग्रुप्स और दूसरी संस्थाएँ खादी के मास्क बना रहे हैं। यू.पी. में बाराबंकी में एक महिला हैं – सुमन देवी जी। सुमन जी ने सेल्फ हेल्फ ग्रुप की अपनी साथी महिलाओं के साथ मिलकर खादी मास्क बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे उनके साथ अन्य महिलाएँ भी जुड़ती चली गई, अब वे सभी मिलकर हजारों खादी मास्क बना रही हैं। हमारे लोकल प्रोडक्ट्स की खूबी है कि उनके साथ अक्सर एक पूरा दर्शन जुड़ा होता है।.