<p id="content">उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के करोड़ों किसानों को मंडियों में बेहतर सुविधा देने और मंडियों में काम कर रहे व्यापारियों के प्रोत्साहन के लिए मंडी शुल्क की दर को घटाकर मात्र 1 फीसद किए जाने का आदेश दिया है। मंडियों में विकास कार्यों को गति देने के लिए विकास शुल्क की दर (0.5 फीसद) यथावत रहेगी। अब मंडी परिसर के अंदर व्यापार करने पर वर्तमान में लागू 2.5 प्रतिशत के स्थान पर कुल 1.5 प्रतिशत कर ही देय होगा।</p>
मुख्यमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह फैसला किसानों और संबंधित व्यापारिक संगठनों के लिए दीवाली का उपहार माना जा रहा है।
इससे पहले कोरोना महामारी के दौरान किसान हितों के संरक्षण के उद्देश्य से फलों एवं सब्जियों के सुगम विपणन के लिए कुल 45 जिन्सों को एक साथ मई महीने में डी-नोटिफाइड कर दिया गया था। जिसके फलस्वरूप उन पर मंडी शुल्क की देयता समाप्त हो गई थी। इन उत्पादों के मंडी परिसर में लाए जाने पर मात्र 1 प्रतिशत प्रयोक्ता प्रभार ही देय होता है।
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<p dir="ltr" lang="hi">मुख्यमंत्री श्री <a href="https://twitter.com/myogiadityanath?ref_src=twsrc%5Etfw">@myogiadityanath</a> जी ने कृषकों को मंडियों में बेहतर सुविधा प्रदान करने एवं मंडियों में कार्य कर रहे व्यापारियों के प्रोत्साहन हेतु मंडी शुल्क की दर को 02 प्रतिशत से घटाकर मात्र 01 प्रतिशत किए जाने का आदेश दिया है।<a href="https://twitter.com/spgoyal?ref_src=twsrc%5Etfw">@spgoyal</a><a href="https://twitter.com/sanjaychapps1?ref_src=twsrc%5Etfw">@sanjaychapps1</a> <a href="https://twitter.com/74_alok?ref_src=twsrc%5Etfw">@74_alok</a> <a href="https://t.co/cqRyE8TXRY">pic.twitter.com/cqRyE8TXRY</a></p>
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) <a href="https://twitter.com/CMOfficeUP/status/1324360870919434241?ref_src=twsrc%5Etfw">November 5, 2020</a></blockquote>
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वहीं केंद्र सरकार द्वारा बीते जून महीने में मंडी क्षेत्र को मंडी परिसर एवं ट्रेड एरिया के रूप में पृथक-पृथक करते हुए मंडी समितियों के कार्य-क्षेत्र को मंडी परिसरों एवं अधिसूचित मंडी स्थलों तक सीमित कर दिया गया है। अब ट्रेड एरिया में होने वाले कृषि व्पापार को लाइसेंस की अनिवार्यता तथा मंडी शुल्क और विकास शुल्क से मुक्त घोषित कर दिया गया है। ऐसे में मंडी परिसरों की सुविधाओं के समुचित सदुपयोग तथा कृषकों व व्यापारियों को मंडी परिसर में व्यापार के लिए प्रेरित करने की दृष्टि से योगी सरकार ने मंडी शुल्क कम करने का फैसला लिया है।.