ऐलियंस के बारे में कई तरह की कहानियां कही जाती है। इंसान चांद से लेकर मंगल तक पहुंच गया। नासा ने इसी साल मंगल पर अपना रोवर उतारा। हालांकि, अभी तक पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन के ठोस सबूत नहीं मिल पाए हैं। लेकिन अब वो दिन दूर नहीं है कि दूसरे ग्रह पर जीवन मिल जाए। अब वैज्ञानिकों को आकाशगंगा के सितारों में बड़े ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल के समृद्ध भंडार का पता लगाया है।
यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स के नेतृत्व में किए गए एक रिसर्च के मुताबिक, इन ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल की वजह से धरती पर जीवन की शुरुआत हुई। इनकी मौजूदगी को लेकर जितना सोचा गया था, उससे ये 100 गुना अधिक प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं। लीड्स यूनिवर्सिटी की सह-प्रमुख इंवेस्टिगेटर डॉ कैथरीन वॉल्श ने कहा, हमारे ग्रह पर जीवन के लिए आवश्यक सामग्री अन्य सितारों के आसपास भी पाई जाती है। ये संभव है कि जीवन की शुरुआत करने के लिए सभी जरूरी मॉलिक्यूल ग्रह-निर्माण वातावरण में आसानी से मौजूद हों। आकाशगंगा में लगभग 400 अरब तारे हैं। हर तारे का एक परिक्रमा करने वाला ग्रह भी है।
इसके अलावा, लाखों ग्रह ‘गोल्डीलॉक्स जोन’ में हैं, जहां पर पानी तरल के रूप में मौजूद हैं। इस रिसर्च के मुख्य लेखक डॉ जॉन इली ने कहा कि ये बड़े जटिल ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल पूरे अंतरिक्ष के अलग-अलग वातावरणों में पाए जाते हैं। वैज्ञानिकों ने जिन मॉलिक्यूल की खोज की है, उसे लेकर डॉ इली ने कहा, लेबोरेटरी और थियोरेटिकल स्टडी से पता चलता है कि वे पृथ्वी पर बॉयोलॉजिकल केमेस्ट्री के लिए ‘कच्चे माल’ के रूप में जरूरी हैं।
जीवविज्ञानी मानते हैं कि पृथ्वी पर पहला जीवन आरएनए पर आधारित था, जो डीएनए के समान एक न्यूक्लिक एसिड होता है। डॉ इली ने बताया कि कई ऐसे वातावरण हैं, जहां हमने इन जटिल ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल का पता लगाया है, वो उस जगह से काफी दूर हैं, जहां हमारा मानना है कि ग्रहों का निर्माण होता है।