Hindi News

indianarrative

Asha Dashami Vrat 2021: आशा दशमी व्रत आज, संतान प्राप्ति और मनचाहा वर पाने के लिए जरुर करें पूजा, देखें शुभ मुहूर्त

photo courtesy Google

आज आशा दशमी का व्रत है। ये व्रत किसी भी मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि से आरंभ होती है। आशा दशमी व्रत को आरोग्य व्रत भी कहा जाता है क्योंकि इस व्रत के प्रभाव से शरीर हमेशा निरोगी रहता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। ये व्रत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि से शुरू किया जा सकता है। ये व्रत 6 माह, 1 वर्ष , 2 वर्ष या फिर मनोकामना पूरी होने त‍क करना चाहिए। आशा दशमी का व्रत मनचाहा वर और संतान प्राप्ति के लिए जाता है।

कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस व्रत का महत्व बताया था। मान्यता है कि हर महीने इस व्रत को तब तक करना चाहिए जब तक कि आपकी मनोकामना पूरी न हो जाए। इस व्रत से मन शुद्ध रहता है और व्यक्ति को असाध्य रोगों से भी मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि कन्या अगर इस व्रत को करे तो श्रेष्ठ वर प्राप्त होती है।अगर किसी स्त्री का पति यात्रा प्रवास के दौरान जल्दी घर लौटकर नहीं आता है तब सुहागन स्त्री इस व्रत को कर अपने पति को शीघ्र प्राप्त कर सकती है। इस व्रत से संतान प्राप्ति भी होती है।

 

पूजा विधि

आशा दशमी व्रत में दशमी तिथि के दिन सुबह नित्य कर्म, स्नानादि से निवृत्त होकर देवताओं का पूजन करें। रात्रि में 10 आशा देवियों की पूजा करें। इस दिन माता पार्वती का पूजन किया जाता है। इस व्रत को करने वाले मनुष्‍य को आंगन में दसों दिशाओं के चित्रों की पूजा करनी चाहिए। दसों दिशाओं में घी के दीपक जलाकर धूप, दीप, नैवेद्य, फल समर्पित करना चाहिए।

 

इस मंत्र से करें पूजा

'आशाश्चाशा: सदा सन्तु सिद्ध्यन्तां में मनोरथा:

भवतीनां प्रसादेन सदा कल्याणमस्त्विति',

 

अर्थ- 'हे आशा देवियों, मेरी सारी आशाएं, सारी उम्मीदें सदा सफल हों। मेरे मनोरथ पूर्ण हों, मेरा सदा कल्याण हो, ऐसा आशीर्वाद प्रदान करें।'