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Ashadha Amavasya: शनि की ढैय्या से परेशान है तो करें ये विशेष उपाय, मां लक्ष्मी का मिलेगा आशीर्वाद, दूर होगा हर विवाद

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हिंदू पंचांग में अमावस्या तिथि बेहद महत्वूपर्ण होती है। अमावस्या तिथि पर पितरों की पूजा की जाती है। विधि विधान से पूजा पर पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आज आषाढ़ महीने में आने वाली अमावस्या तिथि है। आज के दिन गंगा स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यही कारण है कि अमावस्या पर मां गंगा के तट पर डुबकी लगाने बड़ी संख्या में भक्तगण पहुंचते है। अमावस्या तिथि पर दान और तर्पण का भी विशेष महत्व है। इस दिन कुछ अचूक उपाय के बारे में कई दोष दूर किए जा सकते है। चलिए आपको बताते है ये उपाय-

अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आपको इस दिन किसी योग्य पंडित के माध्यम से इसकी शांति का उपाय जरूर करना चाहिए। अमावस्या के दिन कालसर्प दोष का विधि-विधान उपाय करने से इससे संबंधित तमाम कष्टों से मुक्ति मिलती है। अमावस्या के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए चांदी के नाग-नागिन की विशेष पूजा की जाती है।

शनि की सनसनी को दूर करने के लिए भी अमावस्या तिथि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी गई हो। विशेष रूप से जब ये शनिवार के दिन पड़ रही हो। ऐसे में यदि आप शनि की ढैय्या अथवा साढ़ेसाती से परेशान है तो आपको इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से विशेष पूजा अवश्य करनी चाहिए।

अमावस्या के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी के पूजन का भी विधान है। ऐसे में अमावस्या के दिन अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे शुद्ध देशी घी का दिया जरूर जलाएं। मां लक्ष्मी के लिए विशेष रूप से जलाए जाने वाले इस दिये की बाती के लिए कलावा का प्रयोग करें।

आपको लगता है कि तमाम कोशिशों के बावजूद आपके जीवन से जुड़ी बाधाएं दूर नहीं हो रही हैं तो आपको अमावस्या के दिन किसी नदी या सरोवर आदि में मछलियों को आटा अथवा काली चीटियों को आटा जरूर डालना चाहिए।

अमावस्या के दिन किसी गरीब, दिव्यांग अथवा जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र आदि का दान करें।