हिंदू कैलेंडर के हिसाब से इस समय आषाढ़ का महीना चल रहा है। आषाढ़ महीने में आने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या या हलहारिणी अमावस्या कहा जाता है। इसके बाद से वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है, जो खेती करने वालों के लिए खुशहाली लेकर आती है। इसीलिए किसान इस अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते है। इस दिन किसान हल और खेती के उपकरणों का पूजन करते है। इस बार आषाढ़ अमावस्या 9 जुलाई को पड़ रही है। इस अमावस्या पर अगर कुछ उपाय किए जाए, तो जीवन में चल रही आर्थिक तंगी, बेरोजगारी, कालसर्प दोष या पितृदोष जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
समस्याओं से छुटकारा– अगर आपके जीवन में समस्याएं और बाधाएं आपका पीछा नहीं छोड़ रही है तो आषाढ़ अमावस्या के दिन भगवान का नाम लेकर आटे की गोलियां बनानी चाहिए। ये आटे की गोलियां किसी तालाब या नदी में मछलियों को खिला दें। इसके अलावा चीटियों को चीनी मिला मीठा आटा खिलाना चाहिए। इससे कई तरह के संकट दूर होते है, दुर्भाग्य दूर होता है, साथ ही आर्थिक स्थितियां बेहतर होती है। अगर आप ऐसा रोज या हर अमावस्या पर कर सकें तो और भी अच्छे परिणाम मिलते है।
कालसर्प दोष से मुक्ति– अगर कुंडली में कालसर्प दोष के अशुभ प्रभाव होने की वजह से हर कार्य में रुकावटें आती हैं तो अमावस्या के दिन चांदी के नाग नागिन का जोड़ा बनवाकर किसी पवित्र नदी के किनारे पर पंडित की मदद से पूजन करें और नाग नागिन के जोड़े को जल में प्रवाहित कर दें। इसके अलावा आप किसी सपेरे से नाग नागिन का जोड़ा खरीदकर उसे जंगल में मुक्त करा सकते है। इससे भी काल सर्प दोष की समस्या दूर होती है।
पितरों की शांति के लिए- पितरों की शांति के लिए प्रत्येक अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त गीता का पाठ करें। इसके अलावा अमावस्या के दिन पीपल का पेड़ लगाना भी काफी शुभ माना जाता है। कलयुग में पीपल के पेड़ को साक्षात भगवान कृष्ण का स्वरूप माना जाता है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन पीपल लगाने के बाद इसकी देखरेख जरूर करे। जैसे जैसे पीपल का पेड़ बड़ा होगा, आपकी समस्याएं भी समाप्त होने लगेंगी।