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नागपंचमी समेत इन त्योहारों पर गलती से भी नहीं बनाएं रोटी,झेलनी पड़ेगी ढेरों परेशानियां

रोटी के लिए वास्तु टिप्स

Astro Tips: वास्तु में रसोई घर को लेकर कई नियम-कायदे बताए गए हैं। कहा जाता है घर को धन-धान्य से भरपूर रखने के लिए किचन में आटा कभी खत्म न होंने दें। वास्तु में अनाज का बेहद खास महत्व बताया गया है। मां अन्नपूर्णा की कृपा पाने के लिए व्यक्ति दिन-रात कड़ी मेहनत करता है, ताकि दो वक्त की रोटी नसीब हो सके। मगर आप जानते हैं। शास्त्रों में रोटी को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जी हां, कुछ त्योहार ऐसे हैं, जिसमें रोटी बनाने की मनाही होती है। आइये जानते हैं इन्हीं कुछ खास मौकों के बारे में।

नागपंचमी: हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि नागपंचमी के दिन किचन में रोटी भूलकर भी न बनाएं। मान्यता है कि इस दिन पूरी और हलवा बनाया जाता है।शास्त्रों में कहा गया है कि नागपंचमी के दिन चूल्हे पर तवा रखना शुभ नहीं माना गया। तवे को नाग के फन का प्रतिरुप माना गया है। इसलिए इस खास दिन तवे को अग्नि पर नहीं रखा जाता।

शरद पूर्णिमा: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का दिन बेहद खास माना जाता है।शास्त्रों में इस दिन रोटी बनाने की मनाही है। कहते हैं कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से दक्ष होता है और इन दिन शाम के समय खीर बनाकर चांद की रोशनी में रख कर अगले दिन प्रसाद के रूप में खाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और रोटी बनाना शुभ नहीं होता।

शीतलाष्टमी: इस खास दिन मां शीतला माता की पूजा की जाती है। कहते हैं कि इस दिन माता को बासी खाने का भोग लगाया जाता है। साथ ही, मां को भोग लगाने के बाद खुद भी बासी खाना ही ग्रहण किय जाता है। इस दिन सूर्योदय से पहले ही मां को भोग लगाया जाता है। शास्त्रों में इस दिन ताजा भोजन बनाने और खाने की मनाही होती है।

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मृत्यु होने पर: धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि परिवार में किसी की मृत्यु होने पर भी घर में रोटी नहीं बनाई जाती। हिंदू धर्म में मान्यता है कि तेहरवीं संस्कार के बाद ही घर में रोटी बनाई जाती है।

मां लक्ष्मी के त्योहार: ऐसे सभी त्योहार जिन पर मां लक्ष्मी की पूजा होता है, उस दिन भी घर में रोटी नहीं बनाई जाती। इस सभी त्योहारों में दिवाली का त्योहार भी शामिल है। इस दिन सात्विक भोजन, पूरी, मिठाई, हलवा, आदि बनाकर ही खाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन रोटी बनाने से बचना चाहिए।