आप जब किसी से मिलते है या किसी को देखते है, तो आप उसके कपड़ों और जूतों को सबसे पहले नोटिस करते है, क्योंकि यही उनके रहने-सहने का तरीका दर्शाते है। कुछ लोग कपड़े तो अच्छे पहन लेते है, लेकिन बात जब जूतों की आती है, तो ये कहकर टाल देते है कि कौन हमारे इन जूतों पर ध्यान से देखेगा, लेकिन क्या आपको बता है कि मामूली से दिखने वाले ये जूते हमारे ग्रह और नक्षत्रों पर प्रभाव डालते है। जिसका असर हमारे जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्रों की मानें, तो व्यक्ति की कुंडली में आठवां भाव पैरों से जुड़ा होता है। जूते आठवें भाव को महत्व देते है।
अगर कोई व्यक्ति फटे पुराने जूते पहनकर रोजगार या नौकरी की तलाश में जाता है तो उसे सफलता नहीं मिलती है।
ज्योतिष विद्या के अनुसार, किसी को भेंट में जूते देने और लेने नहीं चाहिए। इन जूतों को पहनने से शनिदेव आपके काम में दिक्कत उतपन्न करते है। आपको कार्यक्षेत्र में असफलता मिलती है।
कई बार मंदिर और धार्मिक स्थल पर जूते या चप्पल चोरी हो जाते है। ऐसा करने वाले ध्यान रखें कि चोरी के जूते और चप्पल पहनने से स्वास्थ्य और धन में हानि हो सकती है।
वास्तु के अनुसार, जूते और चप्पलों को दक्षिण, दक्षिण- पश्चिम, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना गया है। इन दिशाओं में शू रैक रखें। घर के प्रवेश द्वार के सामने और सीढ़ियों के कोने में शू- रैक रखना अशुभ माना गया है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के इधर -उधर कोने में जूते और मौजे फेंकना शुभ नहीं होता है। इससे आपको जीवन में सफलता नहीं मिलेगी। साथ ही धन और वैभव भी कम होता है।
पीले रंग के जूते पहनने की सख्त मनाई है क्योंकि पीला रंग भगवान बृहस्पति का रंग है। हिंदू धर्म में पीले रंग को बहुत शुभ माना गया है। पीले रंग के जूते और सोने की पायल पहनने से घर में दरिद्रता आती है।
ज्योतिषों के अनुसार, शरीर का निचला स्थान शनि का होता है। जिन लोगों की राशि में शनि और राहु मुख्य रूप से प्रभावी होते हैं उन्हें जूतों के व्यापार में तरक्की मिलती है, इसलिए पैर में काले, नीले और भूरे रंग के जूते पहनना शुभ माना गया है।