यूं तो बड़ा मंगल पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है, लेकिन अवध क्षेत्र में बड़ा मंगल की धूम देखते ही बनती है। इस बार कोराना महामारी के चलते मंदिरों में श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में ही दर्शनों की सुविधा है। घण्टे-घड़ियाल को श्रद्धालु स्पर्श न करें इसलिए कपड़ों से ढक दिया गया है। अवध के केंद्र और यूपी की राजधानी लखनऊ के हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं का सागर उमड़ पड़ता है। कोरोना का असर यहां भी देखा जा रहा है। लखनऊ के हनुमान मंदिरों की विशेषता यह है कि बड़ा मंगल पर शिया मुसलमान भी मंदिरो में लंगर लगाते और प्रसाद वितरित करते और ग्रहण करते हैं। यहां हिंदू और मुसलमान दोनों ही हनुमान जी के भक्त हैं। दरअसल, लखऊ के नबाब की बेगम हनुमान जी भक्त थी। उन्ही के हुक्म से अवध में हनुमान जी की विशेष पूजा शुरू हुई थीं। तभी से ये सिलसिला जारी है।
लखनऊ के विशिष्ट मंदिर हनुमान सेतु बाबा नीब करोरी आश्रम, अलीगंज संकट प्राचीन संकट मोचन हनुमान मंदिर, अमीनाबाद हनुमान मंदिर और चिकमंडी के पंचमुखी हनुमान मंदिर में हनुमान जी की पूजा की विशेष व्यवस्था की गई है।
ज्येष्ठ माह का तीसरा बड़ा मंगल श्रद्धा और सत्कार के साथ मनाया जा रहा है। कोरोना महामारी के चलते इस बार पाबंदियों के बीच भक्त बजरंगबली के दर्शन कर रहे हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय मार्ग स्थित हनुमान सेतु मंदिर के आचार्य चंद्रकांत द्विवेदी ने बताया कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मंदिर में भक्तों को प्रवेश दिया जा रहा है।
अलीगंज स्थित पुराने हनुमान मंदिर के भक्त अंदर जाकर बजरंगबली के दर्शन कर सकेंगे। हालांकि अलीगंज स्थित नए हनुमान मंदिर में अभी प्रवेश की अनुमति नहीं है। मंदिर के कार्यालय अधीक्षक राकेश दीक्षित ने बताया कि मंदिर खोलने पर भक्तों की भीड़ अधिक आ जाएगी। वहीं अमीनाबाद हनुमान मंदिर के पुजारी विनय पाठक ने कहा कि एक बार में पांच भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। एहतियात को लेकर अभी मंदिर के घण्टे कपड़े से बंधे रहेंगे। घण्टा बजाने की अनुमति नहीं है।