जीवन व्यापन करने के लिए भोजन बहुत महत्वपूर्ण है और अन्न का अपमान यानी कि ईश्वर का अनादर। शास्त्रों के मुताबिक जिस घर में अन्न का अपमान होता है वहां मां अन्नपूर्णा और देवी लक्ष्मी विराजमान नहीं होती। धन-धान्य के भंडार खाली हो जाते हैं। हिन्दू धर्म में हर काम को सही तरीके से करने के नियम बताए गए हैं। इसी तरह भोजन से संबंधित कुछ नियमों का जिक्र शास्त्रों में मिलता है, जिसका पालन करने से घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी। आइए जानते हैं भोजन से जुड़े कुछ कार्य जो अशुभ माने जाते हैं।
भोजन से जुड़े वास्तु नियम
थाली में हाथ धोना: अन्न का हर एक दाना सम्मानीय है, अक्सर लोगों की आदत होती है। खाने के बाद थाली में हाथ धोना। वास्तु के मुताबिक ये अशुभ होता है। मान्यता है कि थाली में झूठे हाथ धोने से जो अन्न के कण बचे होते हैं उनका अपमान होता है. ऐसा करने पर दरिद्रता आती है।
जूठा छोड़ना: जो अन्न की अहमियत नहीं समझता वो पाप का भागी बनता है। थाली में खाना उतना ही लेना चाहिए जितना खा सके। मान्यता है कि भोजन झूठा छोड़ने पर घर की बरकत चली जाती है, क्योंकि झूठा भोजन छोड़ने पर खाने की बर्बादी होती है जिससे मां अन्नपूर्णा नाराज हो जाती है।
थाली में नहीं रखनी चाहिए 3 रोटी
-शास्त्रों के मुताबिक भोजन परोसते वक्त थाली में एक साथ तीन रोटियां नहीं रखनी चाहिए। -अपशकुन होता है इसके पीछ पहली मान्यता है कि तीन हिंदू धर्म में तीन की संख्या शुभ नहीं मानी जाती।
-वहीं दूसरी मान्यता ये है कि 3 रोटी वाली थाली मृतक को समर्पित होती है, जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसके नाम की थाली में 3 रोटियां रखी जाती है। उसके त्रयोदशी संस्कार से पहले मृतक को भोग लगाने पर 3 रोटियां रखी जाती है।