आज वृद्धि योग और त्रिपुष्कर योग है। आज जो भी शुभ कार्य किया जाएगा उसका तीन गुना लाभ मिलेगा। इसलिए जो शनि की ढैया से पीड़ित हैं वो दशरश स्त्रोत का पाठ करें। और अगर पूरा दशरथ स्त्रोत का पाठ न भी कर पाएं तो ‘नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च। नम: कालग्निरुपायकृतान्ताय च वै नम:।‘ का 108 बार जप करें। अगर आप पैसे के अभाव के दौर से गुजर रहे हैं तो 8 मुखी ऑरिजनल रुद्राक्ष को पूजा-पाठ के बाद धारण करना चाहिए।
शनिदेव जीवन में अच्छे कर्म करने वालों को पुरस्कार और बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं। जिन लोगों पर शनि की कृपा होती है उन्हें राजसुख प्राप्त होता है। शनिदेव की कृपा से रंक भी राजा बन जाता है। तो वहीं शनि की वक्र दृष्टि से जीवन में कई तरह की समस्याएं आने लगती हैं। शनिवार के दिन विशेष सावधानी रखनी चाहिए। इस दिन कुछ कार्य नहीं करना चाहिए तो वहीं कुछ कार्य ऐसे हैं जिनसे शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके अलाव शनि की कृपा पाने के लिए आपको क्या करना और क्या नहीं करना है, आपको बताते हैं-
शनिवार के दिन क्या करें
शनिवार के दिन शाम को पीपल के पेड़ में जल चढ़ाना चाहिए और तिल या सरसों तेल का दीपक जलाना चाहिए।इस दिन भगवान भैरव की उपासना भी करनी चाहिए। शनिवार के दिन छाया दान करें। इसके लिए कांसे की कटोरी में सरसों का तेल लें और उसमें सिक्का डालें। उसमें अपनी परछाई देखें और तेल को दान कर दें।शनिवार को विभूति, भस्म या लाल चंदन धारण करें।शनिवार को नैऋत्य, पश्चिम और दक्षिण दिशा में यात्रा करना सही रहता है।
शनिवार को क्या न करें
शनिवार को मांस मदिरा और किसी भी तरह की नशीली चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इससे आपका जीवन कष्टमय हो सकता है।
शनिवार के दिन तेल, लकड़ी, कोयला, नमक, लोहा या लोहे की वस्तु नहीं खरीदना चाहिए। अन्यथा आपके जीवन में बाधाएं उत्पन्न होना लगती हैं।शनिवार के दिन पूर्व, उत्तर और ईशान दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। ध्यान रखे, शनिवार को पुरुष ससुराल न जाएं।इस दिन भूलकर भी किसी कमजोर व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए अन्यथा आपको बहुत कष्टों का सामना करना पड़ता है।शनिवार के दिन खाने में तेल न खाएं।