आज आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की उदया तिथि चतुर्दशी और दिन शुक्रवार है। चतुर्दशी तिथि सुबह 10 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। उसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी। जब पूर्णिमा दो दिनों की होती है, तो पहले दिन पूर्णिमा का व्रत और दूसरे दिन स्नान-दान करके पुण्य प्राप्त किया जाता है, यानी आज पूर्णिमा का व्रत और कल 24 जुलाई को स्नान-दान की पूर्णिमा मनायी जाएगी। सनातन धर्म के लोग इसे धूमधाम से मनाते है। इसी दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेद व्यास के जगतगुरु पद पर होने के कारण ही ये दिन गुरु पूर्णिमा कहलाता है। चलिए जानते है गुरु पूर्णिमा की शुभ मुहूर्त, महत्व समेत कई जानकारियां-
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि आरंभ: 23 जुलाई 2021, शुक्रवार की सुबह 10 बजकर 43 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 जुलाई 2021, शनिवार की सुबह 08 बजकर 06 मिनट तक
गुरु पूर्णिमा में बन रहे विशेष संयोग
सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक वैधृति योग रहेगा। इसके साथ ही दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक सभी कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला रवि योग रहेगा। इसके आलावा दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा।
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह उठें, स्नान आदि करके सबसे पहले सूर्य को अर्घ्य दें। सूर्य मंत्र का जाप करें और फिर अपने गुरु का ध्यान करें। इस दिन भागवन विष्णु को जरूर पूजें, उनके अच्युत अनंत गोविंद नाम का 108 बार जाप करना न भूलें। आटे की पंजीरी बनाकर इसका भोग लगाएं। ऐसा करने से परिवार सेहतमंद रहता है। संभव हो तो लक्ष्मी- नारायण मंदिर में कटा हुआ गोल नारियल अर्पित करें। ऐसा करने से बिगड़े कार्य बनेंगे। सुख-समद्धि की प्राप्ति के लिए कुमकुम घोल लें और मुख्य द्वारा और घर के मंदिर के बाएं और दायें तरफ स्वास्तिक बनाएं,फिर मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।
कुंडली में गुरु दोष है तो भगवान विष्णु की श्रद्धापूर्वक पूजा करें। इस दिन जरूरत मंदों को राशिनुसार दान करें. जिससे सभी कष्टों का नाश होगा। आर्थिक तंगी से गुजर रहें हैं तो पीले अनाज, पीले वस्त्र या पीली मिठाई का भोग लगाकर जरूरतमंदों व निर्धनों को दान करें। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं का आशीर्वाद जरूर लें।