आज हरतालिका तीज हैं। भाद्रपद की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाया जाता है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन निर्जला रहकर भोलेशंकर की आराधना करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का भी लाभ मिलता है। कजरी और हरियाली तीज के बाद हरतालिका तीज आती है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की सुरक्षा और अपने अखंड सौभाग्यवती होने का व्रत रखती हैं। वहीं कुवांरी कन्याएं यह व्रत अपने मन पसंद अर्थात मनवांछित वर प्राप्त करने के लिए रखती है। इस दिन महिलाएं सारा दिन बिना कुछ भी ग्रहण किये हुए निर्जला व्रत रखती है।
हरतालिका तीज व्रत शुभ मुहूर्त
सुबह 06 बजकर 03 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक हरतालिका तीज की पूजा का शुभ मुहूर्त है।
पूजा के लिए आपको कुल समय 02 घंटे30 मिनट का समय मिलेगा।
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त- शाम को 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है।
हरतालिका तीज की पूजन सामग्री
गीली काली मिट्टी या बालू, बेलपत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, आंक का फूल, मंजरी, जनेऊ, वस्त्र, फल, नारियल, कलश, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, सिंदूर, सुहाग का सामान
हरितालिका तीज पूजा विधि-
हरितालिका तीज में श्रीगणेश, भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। सबसे पहले मिट्टी से तीनों की प्रतिमा बनाएं और भगवान गणेश को तिलक करके दूर्वा अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और शमिपत्री अर्पित करें और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें। तीनों देवताओं को वस्त्र अर्पित करने के बाद हरितालिका तीज व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इसके बाद श्रीगणेश की आरती करें और भगवान शिव और माता पार्वती की आरती उतारने के बाद भोग लगाएं।