Hindi News

indianarrative

न Petrol-Diesel न CNG, ‘पानी’ वाली गैस से फर्राटा भरेंगी गाड़ियां

अब Petrol-Diesel का झंझट खत्म, पानी से फर्राटा भरेंगी कारें

भारत में इस वक्त पेट्रोल-डीजल के दाम सातवें आसमान पर हैं, ऐसे में लोग अब तेल वाली वाहनों के बजाय दूसरे विकल्प की तरफ देख रहे हैं। धीरे-धीरे CNG वाहनों की डिमांड बढ़ रही है लेकिन आने वाले दिनों में इसकी भी कीमते बढ़ेंगी तो अब ज्यदातर लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनें पसंद आ रही हैं। देश में कोई भी इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च हो रही है इसकी रिकॉर्ड तोड़ बुकिंग हो रही है। इसके साथ ही अब वो दिन भी दूर नहीं जब सड़कों पर पानी से दौड़ने वाली वाहनें नजर आने वाली हैं और अब हुंडई मोटर ने इसको लेकर ऐलान भी कर दिया है।

हुंडई मोटर ग्रुप ने हाइड्रोजन फ्यूल सेल को लेकर है ऐलान किया है कि वहो जल्द ही इसे लॉन्च करने वाला है। कंपनी की ओर से दावा किया गया है कि, साल 2028 से कंपनी हुंडई की गाड़ियां हाइड्रोजन फ्लूय सेल वर्जन में लाएगी। हालांकि, शुरुआत में कॉमर्शियल व्हीकल में ही यह वर्जन आएगा। हाइड्रोजन फ्यूल सेल वर्जन की गाड़ियां आने से पेट्रोल और डीजल पर चलने वाले वाहनों की कीमतें गिरेंगी।

हुंडई मोटर ग्रुप में हुंडई मोटर कंपनी और किया कॉरपोरेशन शामिल हैं। यह मोटर ग्रुप अभी एक-एक फ्यूल सेल बस और फ्यूल सेल ट्रक बनाता है। मार्केट में ये प्रोडक्ट एक्सियंट हुंडई के नाम से बेचे जाते हैं। इस ग्रुप की 115 बसें दक्षिण कोरिया की सड़कों पर दौड़ रही हैं। इस कंपनी के फ्यूल सेल ट्रक यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड में पिछले साल लॉन्च किए गए थे और मौजूदा समय में 45 ऐसे ट्रक चलाए जा रहे हैं। हुंडई मोटर और किया दक्षिण कोरिया के ऑटोमेकर्स हैं जो मिलकर ये गाड़ियां बनाते हैं, दोनों कंपनियां कॉमर्शियल वाहनों के 20 मॉडल बनाती हैं जिसमें ट्रक, बस और वैन शामिल हैं।

हुंडई मोटर ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि, फ्यूल सेल वर्जन में पैसेंजर व्हीकल मॉडल की गाड़ियां कब लॉन्च करेगी। कंपनी की योजना ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूल को एक विकल्प के रूप में इस्तेमाल करने की है। पेट्रोल-डीजल के दाम जिस तरह से बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए वाहन ग्राहक दूसरे विकल्पों की तलाश में हैं, और कहा जा रहा है कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन फ्यूल गाड़ियों का होगा।

हाइड्रोजन फ्यूल सेल से कार्बन को घटाने में मदद मिलेगी क्योंकि इससे कोई प्रदूषण नहीं होता। यह पानी और ऊर्जा छोड़ता है जिससे धुएं जैसी कोई समस्या नहीं होती। ऑटो इंडस्ट्री में फ्यूल सेल का उपयोग बढ़ा तो है लेकिन गति बहुत धीमी है। इस बड़े पैमाने पर लाने के लिए ऑटो इंडस्ट्री को बड़े पैमाने पर फ्यूल सिस्टम बनाना होगा। अभी फ्यूलिंग स्टेशन की भी कमी है जिसे धीरे-धीरे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

हुंडई के अलावा टोयोटा मोटर, बीएमडब्ल्यू और डेमलर भी फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं। माना जा रहा है कि इस टेक्नोलॉजी पर सबसे पहले यूरोप देशों और चीन में आने की संभावना है क्योंकि, इन देशों ने आने वाले समय में कार्बन की मात्रा कम करने का ऐलान किया है जिसकी वजह से फ्लूय सेल और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।