कोरोना संकट के लिए आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने अपने कर्मचारियों के लिए कई अहम घोषणाएं की है। बैंक ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी की कोरोना के कारण मौत हो जाती है तो उसके परिवार को कंपेनसेशन के रूप में एनुअल सीटीसी का चार गुना मिलेगा। इसके अलावा अगले दो सालों तक परिवार को पूरी सैलरी मिलती रहेगी। इसकी जानकारी खुद बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर वी वैद्यनाथन ने दी। बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर ने बताया कि ज्यादातर कर्मचारी जवान है, अगर किसी की मौत हो जाती तो परिवार सदमें में चला जाता है। ऐसे में उनकी मदद के लिए बैंक ने कुछ अहम फैसले लिए है।
बैंक ने अपने एंप्लॉयी का होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, बाइक लोन, एजुकेशन लोन समेत हर तरह का लोन माफ करने का भी फैसला किया है। होम लोन 25 लाख तक माफ किया जाएगा। इसकी डेडलाइन 30 जून 2021 रखी गई है। लोन माफ कर देने से उनके परिवार का बोझ घट जाएगा। ऐसे में बैंक अब ये पता कर रहा है कि उनके कितने एंप्लॉयी कोरोना काल में ऐसी समस्या से प्रभावित हुए है, जिससे उन्हें सारा लाभ मिल सके। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, बैंक के करीब 20 एंप्लॉयी की मौत हुई है। जिनके परिवार से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
यही नहीं, अगर किसी एंप्लॉयी की स्पाउस नौकरी करना चाहता है तो बैंक उन्हें भी नौकरी दे रहा है। अगर उनके परिवार से कोई बैंक के साथ काम करने योग्य नहीं है तो भी बैंक 2 लाख रुपए देकर खुद को स्किल करने के लिए अलग से देगा। इसके अलावा बैंक ने Employee Covid Care Scheme 2021 की भी घोषणा की है। एंप्लॉयी की मौत पर 30 हजार रुपए फ्यूनरल खर्च के रुप में दिया जाएगा। 2 बच्चों की ग्रैजुएशन तक पढ़ाई के लिए हर महीने 10 हजार रुपए मिलेंगे। अगर उसका परिवार री-लोकेट करना चाहता है तो उसके लिए 50 हजार रुपए अलग से मिलेंगे। इसके अलावा एंप्लॉयी ने जितने दिन के लिए काम किया उतने दिन का बोनस भी मिलेगा।