करवाचौथ का व्रत हर सुहागिन महिला को रखना चाहिए, लेकिन अगर आप किन्हीं कारणों के चलते करवा चौथ व्रत नहीं रख पा रही हैं, तो चिंता मत कीजिए…. आप कुछ उपायों से करवाचौथ के व्रत से मिलने वाले फल को पा सकती हैं। इनका उल्लेख ज्योतिष शास्त्रों में किया गया हैं। जिसके जरिए आप करवाचौथ व्रत का लाभ ले सकती हैं और चौथ माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकती हैं। तो आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत के इस नियम के बारे में…
यदि वहीं कोई महिला बीमार है और पूजा करने की स्थिति में हैं, तो वे फलाहारी उपवास रख कर भी इस व्रत के नियम का पालन कर सकती हैं। उनका निर्जल व्रत ही माना जाएगा और उसे करवा चौथ व्रत का पूरा फल प्राप्त होगा।
किसी महिला का स्वास्थ्य अत्यंत खराब है, तो उसका पति भावनात्मक रूप से व्रत का संकल्प लेकर निर्जला व्रत रखें। उसके बाद शाम को पूजा के समय पत्नी को साथ बिठाकर पूजा कर सकते हैं। उतना ही फल मिलेगा, जितनी पत्नी के व्रत रखने पर मिलता है।
यदि पत्नी बैठने की भी स्थिति में नहीं है, तो पूजा सामग्री से पत्नी की हाथ लगवाने के बाद पूजा करें। ऐसा करने से करवा चौथ व्रत का पूरा फल मिलेगा।
अगर किसी कारन वश दोनों लोग व्रत नहीं कर सकते तो मन में संकल्प ले कर भावनात्मक व्रत रख सकते हैं अपने इष्ट देव से माफ़ी मांगते हुए।
उसके बाद शाम के समय भावनात्मक रूप से चंद्रमा को प्रणाम और अर्घ्य देते हुए, व्रत पूर्ण कर सकती हैं। ऐसा करने से भी उन्हें व्रत का पूरा फल मिलेगा।