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Jyeshtha Amavasya 2021: ज्येष्ठ अमावस्या, इन चार उपायों से करें शनि देव को प्रसन्न, दूर होगा हर रोग और कष्ट

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आज ज्येष्ठ अमावस्या है। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या कहते है। आज दोपहर 01:57 बजे से ज्येष्ठ अमावस्या शुरु हो जाएगी और इसका समापन 10 जून गुरुवार को शाम 04:22 बजे होगा। धार्मिक शास्त्रों में ज्येष्ठ अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व बताया गया है। दरअसल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत जैसे पावन व्रत त्योहार मनाए जाते है। इस बार तो ज्येष्ठ अमावस्या और भी खास है, क्योंकि इस साल ज्येष्ठ अमावस्या पर सूर्यग्रहण लग रहा है।

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा। मान्यता है कि अमावस्या तिथि के दिन स्नान, दान, व्रत और पूजा-पाठ से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं इस दिन पितरों की शांति के लिए किया गया कर्मकांड भी फलीभूत होता है। अमावस्या के दिन पवित्र नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करना शुभ होता है। सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों का तर्पण करते है। चूंकि अभी कोरोना काल के वजह से पाबंदियां लगी हुई है, इसलिए घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें और तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दे।

पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। पितृ दोष है से पीड़ित लोगों को पौष अमावस्य का उपवास कर पितरों का तर्पण अवश्य करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन तेल का दान करना शुभ होता है। पुराणों में दान का बहुत अधिक महत्व बताया गया है, दान करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनि दोष से मुक्ति के लिए शनि जयंती के दिन तेल, तिल, लोहा काले वस्त्रों का दान करना चाहिए।

अमावस्या के दिन गाय की पूजा करनी चाहिए। इस दिन गाय को हरा चारा खिलाने से पितर खुश होते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना बहुत शुभ होता है। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इस दिन गाय को सात्विक आहार ही खिलाएं।