आज कालाष्टमी है। हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। कालाष्टमी को भैरवाष्टमी भी कहा जाता है, क्योंकि ये तिथि भगवान काल भैरव को समर्पित होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान भैरव शंकर भगवान के अवतार है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से भैरव भगवान की पूजा-अर्चना करने से भय से मुक्ति मिलती है और शत्रु, नकारात्मक शक्तियों और ग्रह दोषों के अशुभ प्रभाव से भी छुटकारा मिलता है।
भगवान कालभैरव के बटुक भैरव स्वरूप की पूजा करना फलदायी होता है क्योंकि बटुक भैरव को सौम्य स्वरूप माना गया है। कहा जाता है कि जो भगवान कालभैरव के भक्तों का बुरा करता है उसे तीनों लोको में कहीं भी शरण प्राप्त नहीं मिलती। आज के दिन भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए भगवान शिव की भी पूजा करें। 21 बेलपत्र लेकर चंदन पर उससे शिव जी का पंचाक्षरी मंत्र ॐ नमः शिवाय लिखकर भगवान शिव को अर्पित करें। इससे भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते है और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते है।
शुभ मुहूर्त
कलाष्टमी तिथि प्रारंभ: 02 जून को रात्रि 12 बजकर 46 मिनट से
कलाष्टमी तिथि समाप्त: 03 जून को रात्रि 01 बजकर 12 मिनट पर
ऐसे करें पूजा-
स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प करें।
घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।
घर में रहकर ही भगवान भैरव की पूजा- अर्चना करें।
इस दिन भगवान शंकर की भी विधि- विधान से पूजा- अर्चना करें।
भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और गणेश भगवान की पूजा- अर्चना भी करें।
आरती करें और भगवान को भोग भी लगाएं।
भैरव चालिसा का पाठ भी करें।
अगर आपके जीवन में परेशानियां चल रही हैं तो आज के दिन भगवान भैरव के समक्ष 33 सुगंधित अगरबत्ती जलाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से धीरे-धीरे जीवन की समस्याएं दूर होने लगती है। काले कुत्ते को रोटी खिलाएं
। कुत्ता भगवान कालभैरव का वाहन कहा गया है। कालाष्टमी के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाने से भगवान कालभैरव अत्यंत प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि इससे शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है। कालाष्टमी पर कुत्ते को मीठी रोटी खिलानी चाहिए। इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।