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कामदा एकादशी पर बने इन दो शुभ योगों में प्रॉपर्टी खरीदना होगा फायदेमंद, बिजनेस भी भरेगा उड़ान

photo courtesy amar ujala

चैत्र का महीना है और शुक्ल पक्ष में एकादशी पड़ रही है। इस एकादशी को कामदा एकादशी कहा जाता है। आज लोग एकादशी का व्रत रख रहे है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कामदा एकादशी व्रत करने से पिशाच योनि से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ज्योतिष के अनुसार इस बार कामदा एकादशी बेहद खास है, क्योंकि इस पर दो शुभ योग बन रहे है। ध्रुव और वृद्धि योग जिंदगी में खुशहाली लेकर आएंगे। ज्योतिष में ये दोनों ही योग बेहद शुभ माने जाते हैं। 

ध्रुव योग में कोई भी स्थिर कार्य करना बहुत शुभ रहता है। यदि आपको अचल संपत्ति जैसे भूमि, भवन से संबंधित कोई कार्य करना है तो ध्रुव योग उत्तम रहता है, लेकिन इस योग में अस्थिर कार्य जैसे वाहन आदि की खरीद नहीं करना चाहिए। वृद्धि योग जैसे कि इसके नाम से ही स्पष्ट होता है कि इस योग में किए गए कार्यों में वृद्धि होती है। किसी भी कार्य, व्यापार आदि को आरंभ करने के लिए यह योग बहुत शुभ रहता है। इस योग में किए गए कार्यों में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है और बिना किसी समस्या के कार्य पूर्ण हो जाता है।

इस दिन चावल खाना वर्जित माना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार मां के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने शरीर त्याग दिया और उनका अंश पृथ्वी में समा गया। जिस दिन महर्षि मेधा का अंश पृथ्वी में समाया उस दिन एकादशी तिथि थी। ऐसा माना जाता है कि महर्षि वेधा चावल और जौ के रूप में उत्पन्न हुए। इसलिए एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित होता है। वहीं वैज्ञानिक के अनुसार, चावल में जल तत्व की मात्रा काफी होती है। वहीं जल पर भी चंद्रमा का प्रभाव अधिक पड़ता है। चावल का सेवन करने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ जाती है। जिसकी वजह से मन विचलित हो जाता है। विचलित मन से व्रत के नियमों का पालन नहीं हो पाता है, इसलिए एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित होता है।