'केतु' को ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रह माना गया है। लेकिन कई बार ऐसा होता है केतु कभी-कभी अच्छा फल भी देता है। कुंडली में केतु अगर शुभ होने से धर्म का अच्छा जानकार और तंत्र विद्या का महारथी होता है। इसके अलावा केतु किसी भी राशि का स्वामी नहीं होता है, लेकिन धनु राशि में केतु उच्च होते हैं। कुंडली में केतु अशुभ होने की वजह से वाहन दुर्घटना में गंभीर चोट का खतरा बना रहता है। इसके अलावा पैरों में की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। साथ ही कुंडली केतु कमजोर होने से शरीर के निचला हिस्सा सबसे अधिक प्रभावित होता है।
केतु अशुभ होने के कारण मूत्राशय से जुड़ी हुई समस्या और जोड़ों में दर्द लंबे समय तक बना रहता है। शास्त्रों के मुताबिक केतु स्वरभानु राक्षस का धड़ है। कुंडली में केतु कमजोर होने पर जीवन में कई प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ता है। केतु को मजबूत बनाने के लिए भगवान गणेश जी की उपासना लाभकारी होता है। इसके साथ ही शनिवार के दिन दो रंग वाले कुत्ते को रोटी खिलाना केतु दोष से छुटकारा दिलाता है। केतु से छुटकारा पाने के लिए रत्न, जड़ी और रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
केतु का वैदिक मंत्र
ॐ केतुं कृण्वन्नकेतवे पेशो मर्या अपेशसे सुमुषद्भिरजायथा:
केतु का तांत्रिक मंत्र
ॐ कें केतवे नमः।।
केतु का बीज मंत्र
ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।।
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