घर में पक्षियों का चहचहाना बेहद शुभ माना जाता है। अगर घर में पक्षियों का घोंसला हो, तो इसे और भी शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र में गौरैया और कबूतर के घोसले का विशेष महत्व है। कबूतर ऐसा पक्षी है जिसे पालना, उसे दाना खिलाना, दोनों ही घर में खुशियां लेकर आता है। वहीं, अगर गौरैया घर में घोसला बनाती है तो इसका अर्थ होता है सुख-शांति और सौभाग्य घर में दस्तक देने वाले है। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि गौरैया के घर में घोसला बनाने से कई तरह के वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। ऐसे में गौरौया के घोसले को कभी भी हटाना नहीं चाहिए।
गौरैया के घोसले बनाने में दिशा का विचार भी करते हैं। दिशा विचार में कहा गया है कि अगर गौरैया पूर्व दिशा में अपना घोसला बनाती है इससे घर के लोगों का मान-सम्मान बढ़ता है।
अगर गौरैया अपना घोसला दक्षिण-पूर्व अग्नेय कोण में बनाती है तो इसका अर्थ है कि बहुत जल्दी घर में मांगलिक कार्य होने वाले हैं।
अगर गौरैया का घोंसला दक्षिण दिशा में है तो इसे माना जाता है कि बहुत जल्दी धन में वृद्धि होने वाली है।
कहा गया है कि अगर दक्षिण-पश्चिम में गौरैया घोंसला बनाएं तो परिवार के सदस्यों की आयु बढ़ेगी।
इन सभी मान्यताओं के आधार पर ही कहा जाता है कि गौरैया के घोंसला बनाने से हमें कही भी नुकसान नही है। गौरैया की आवाज काफी मनमोहक होती है।